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पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार सितंबर में वाली परीक्षा अगस्त में लेने का विरोध
उदित वाणी जमशेदपुर: जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों ने एक बार फिर आंदोलन का रुख कर लिया है। शुक्रवार को कोल्हान विश्वविद्यालय ने जैसे की लॉ के अलग-अलग तीन सेमेस्टर के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा कार्यक्रम जारी किया, वैसे ही विरोध के स्वर मुखर कर दिए गे।
दरअसल, कोल्हान विश्वविद्यालय ने हाल ही में सत्र नियमित करने के लिए परीक्षा कैलेंडर जारी किया था, लेकिन इसे जारी करने के बावजूद कैलेंडेर के उलट लॉ की परी परीक्षा आयोजित करने का नोटिस जारी करने से विद्यार्थी बिफरे हुए हैं। मामला जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज का है।
कोल्हान विश्वविद्यालय के अधीन संचालित जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज के दूसरे, पांचवें और छठे सेमेस्टर की परीक्षा 24 अगस्त से शुरू होने का नोटिफिकेशन शुक्रवार को विवि की ओर से जारी कर दिया गया। इस नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद लॉ के छात्र विवि के परीक्षा कैलेंडर पर सवाल उठा रहे हैं। 27 जुलाई को कोल्हन यूनिवर्सिटी के द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर में सितंबर के दूसरे सप्ताह से इन परीक्षाओं का आयोजन करने की तिथि तय की गई है। विद्यार्थियों का कहना है कि वर्तमान में लॉ कॉलेज में इन परीक्षाओं के आयोजन के लिए सिलेबस भी पूरा नहीं कराया गया है।
छात्रों के मुताबिक आधे से ज्यादा सिलेबस अभी भी बचा हुआ है और बिना सिलेबस खत्म किये ही परीक्षा शुरू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसलिए सभी विद्यार्थियों ने यह तय किया कि इस परीक्षा का सामूहिक रूप से विरोध किया जाएगा और परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने की मांग की जाएगी। कॉलेज की विद्यार्थी अमर कुमार तिवारी ने कहा की शनिवार को सभी विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा नियंत्रक को ज्ञापन सौंपेंगे और जरूरत पड़ने पर परीक्षा कार्यक्रम का जोरदार बिरोध भी शनिवार को कॉलेज के प्रांगण में दर्ज करेंगे। कहा कि किसी हाल में भी बिना सिलेबस खत्म किये परीक्षा होना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शिक्षकों की कमी सिलेबस पूरा होने में बाधक
जमशेदपुर को-ऑपरेटिव लॉ कॉलेज में शिक्षकों की कमी है। इस कारण विद्यार्थी नामांकन लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे। कॉलेज में सिर्फ तीन स्थायी शिक्षक लॉ के छात्रों को पढ़ाने के लिए उपलब्ध हैं। विद्यार्थियों ने इसे लेकर कई बार शिकायत की है, लेकिन कॉलेज को शिक्षक प्राप्त नहीं हुए। यही कारण है कि महज 120 सीटों को भरने के लिए कॉलेज को चार-चार मेरिट लिस्ट निकालनी पड़ी।
गौरतलब हो कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइन आने के बाद लॉ कॉलेज को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज से अलग कर स्वतंत्र रूप से संचालित किया जा रहा है, लेकिन इस कॉलेज को वर्तमान में अलग इकाई का दर्जा प्राप्त नहीं है। इस कारण कॉलेज को जरूरी संसाधन प्राप्त नहीं हो पाते। कॉलेज के छात्र अमर तिवारी ने बताया कि जेपीएससी की ओर से अबतक लॉ कॉलेज में एक भी शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है।
इसके लिए कई बार पत्र लिखा गया। अन्य कॉलेजों को शिक्षक मिल रहे हैं, लेकिन लॉ कॉलेज में तीन ही शिक्षकों को सिलेबस पूरा कराना पड़ रहा है। इस कारण हर साल सिलेबस समय पर पूरा नहीं हो पा रहा। इस मसले पर जेपीएससी व सरकार को पत्र लिख कर अवगत कराया गया है। छात्र अमर तिवारी के मुताबिक एक शिक्षक दो-दो विषय पढ़ा रहे, इसलिए सिलेबस समय से पूरा नहीं हो पा रहा है। कॉलेज को कम से कम 7 शिक्षकों की जरूरत है।
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