उदित वाणी,जमशेदपुरः जमशेदपुर के बुलेट क्लब रोड मेल्टर्स के पांच राइडर्स ने अरुणाचल तक प्रदेश तक का सफर बुलेट से पूरा किया. वहां उन्होंने बुमला पास में भारत चीन के एलएसी बॉर्डर पर खड़े होकर भारत माता की जय और जय हिन्द का नारे भी लगाए.
5 नवंबर को सफर पर निकले थे राइडर्स
जमशेदपुर से अरुणाचल प्रदेश और वहां से वापस जमशेदपुर तक राइडिंग ग्रुप के राइडर धनंजय महतो के नेतृत्व में सभी ने अपना सफर पूरा किया. बताते हैं कि सभी पांच राइडर विगत 5 नवंबर को शहर से सुबह 4 बजे निकले थे. इस ग्रुप में धनंजय महतो, देवज्योति, मुकेश, सुदीप और आकाश शामिल थे.
दिन भर ड्राइव कर 4 दिनों में पूरा किया सफर
रोड मेल्टर्स ग्रुप को अरुणाचल प्रदेश पहुंचने में 4 दिन लगे. ग्रुप के राइडर्स दिन पर गाड़ी चलाते और शाम करीब 8 बजे तक किसी होटल में ठहर जाते थे. दूसरे दिन सुबह फिर से राइड करते और रास्ते में ही दोपहर नाश्ता और खाना काते थे. सभी राइडर्स ने रोड सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा था. वे हेलमेट, ग्ल्व्स, बूट, राइडिंग गियर और चश्मा पहने हुए थे. रोड मेल्टर्स क्लब के मॉडरेटर आनंद कुमार शर्मा रोज फोन पर सभी का हाल-चाल लेते रहे.
बुमला पास में की टूरिस्ट्स की मदद
अरुणाचल प्रदेश के राइडिंग में ग्रुप के सदस्यों ने तवांग, बोमडिला, थिरांग, श्री जसंत वॉर मेमोरियल, सेला पास, सेला टनल, वाई जंक्शन, बुमला पास, माधुरी लेक, जंग फॉल भी गए. बुमला पास के पास काफी ठंड थी. वहां 15200 फीट की ऊंचाई पर सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी. इस दौरान रोडमेल्टर्स ने अपने पास मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर से दूसरे टूरिस्ट्स की मदद भी की.
वापसी में कामाख्या और तारापीठ में मां तारा के किए दर्शन
अरुणाचल प्रदेश राइडिंग का उद्देश्य रोड सेफ्टी और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ था, जिसका राइडर्स ने प्रचार किया. अरुणाचल प्रदेश से वापसी में राइडर्स ने गुवाहाटी में माता कामाख्या और तारापीठ में माता तारा के भी दर्शन किए.
पारडीह काली मंदिर के पास हुआ स्वागत
वे विगत 17 नवंबर की शाम करीब 5 बजे वापस जमशेदपुर पहुंचे. इस दौरान पारडीह काली मंदिर में राइडर्स ने माथा टेका. वहां मॉ़रेटर आनंद कुमार शर्मा और मुकेश शर्मा भी मौजूद थे.
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