उदित वाणी, नई दिल्ली: सांसद विद्युत वरण महतो ने आज लोकसभा में नियम 377 के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा, बोड़ाम और काटिन प्रखंड के किसानों के लिए सिंचाई सुविधा को लेकर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसे इस सदन में उठाना आवश्यक है.
किसानों के हित में महत्वपूर्ण योजना
सांसद महतो ने जानकारी दी कि वर्ष 2021 में झारखंड राज्य के जल संसाधन विभाग ने इन क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई सुविधा देने के लिए पटमदा पम्प नहर योजना को मंजूरी दी थी. हालांकि, अब तक इस योजना पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है.
सर्वेक्षण रिपोर्ट और विभाग की उपेक्षा
उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में कंसल्टेंट द्वारा सर्वेक्षण रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जा चुकी है, लेकिन जल संसाधन विभाग ने अभी तक इस योजना को स्वीकृति नहीं दी है. इस देरी के कारण लगभग 12,500 हेक्टेयर कृषि भूमि पर सिंचाई सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जो किसानों की कृषि उत्पादन क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है.
जल संसाधन विभाग से शीघ्र निर्णय की अपील
सांसद ने मांग की कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों द्वारा की गई इस देरी पर शीघ्र कार्रवाई की जाए. उन्होंने इस मुद्दे पर मंत्री जी से अनुरोध किया कि सिंचाई योजना की मंजूरी के लिए जल्द निर्णय लिया जाए, ताकि किसानों को समय रहते आवश्यक सुविधाएँ मिल सकें.
कृषि उत्पादकता में वृद्धि का अवसर
महतो ने इस योजना के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सिंचाई की सुविधा से न केवल किसानों की खेती में सुधार होगा, बल्कि क्षेत्रीय कृषि उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी. यह कदम किसानों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होगा और क्षेत्र की समृद्धि में योगदान करेगा.
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