उदित वाणी जमशेदपुर : केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन कानून को लेकर देश भर में चालकों का विरोध जारी है. इसको लेकर चालकों द्वारा तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की गई है. मंगलवार को भी यह हड़ताल जारी रहा. सभी ट्रक और ट्रेलर चालकों ने कंपनी गेट परिसर के बाहर सड़क को जाम करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. चालकों ने बर्मामाइंस बेकिंग प्लांट, ट्यूब कंपनी गेट, साउथ गेट के अलावा अन्य जगहों पर प्रदर्शन किया. चालकों ने वाहनों को बीच सड़क पर खड़ा कर प्रदर्शन शुरू कर दिया वहीं सड़क पर टायर जलाकर सड़क को जाम कर दिया. चालकों का कहना था कि सरकार के ऐसे कानून से चालकों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ेगा. अगर किसी चालक से सड़क दुर्घटना हो जाए तो उसे लाखों रुपये जुर्माना और जेल का प्रावधान है. चालक का इतना वेतन ही नहीं है कि वे जुर्माना भर सकें. अगर वे जेल गए तो परिवार का भरण पोषण कौन करेगा. सरकार को यह नियम वापस लेना होगा. इधर, चालकों के प्रदर्शन से सड़कों पर लंबा जाम लग गया. कई वाहन जाम में फंसे रहे तो कई ने अपना रास्ता बदल दिया. ट्रक चालक ऑटो चालकों को भी इस हड़ताल में शामिल होने को बाध्य कर रहे थे. हालांकि अब तक बस और ऑटो चालकों ने इस हड़ताल का समर्थन नहीं किया है. अगर बस और ऑटो चालक इस प्रदर्शन का हिस्सा बने तो आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
इस पर नया नियम क्या आया है?
जिस नियम को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है वह हाल ही में संसद से पारित तीन नए कानून का हिस्सा है। दरअसल, आईपीसी की जगह लेने वाली भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 104 में हिट एन्ड रन का जिक्र किया गया है। यह धारा लापरवाही से मौत का कारण के लिए दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान करती है।धारा 104(1) कहती है,’जो कोई भी बिना सोचे-समझे या लापरवाही से कोई ऐसा कार्य करके किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे पांच साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माने के लिए भी उत्तरदायी होगा।’धारा 104(2) उल्लेख करती है, ‘जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मृत्यु का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा। जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा।’
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