उदित वाणी जमशेदपुर : उपायुक्त कार्यालय स्थित एनआईसी कार्यालय में मंगलवार को रेलवे से संबंधित सात मामलों में केंद्रीय सूचना आयोग के कमिश्नर बिनोद कुमार तिवारी ने जन सुनवाई की. वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर तिवारी जुड़े थे. वहीं, आईआरसीटीसी के मामले को लेकर एजीएम मधुमिता चटर्जी वीडियो कांफ्रेसिंग से जुड़ी. सूचक आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार की मांग थी कि टाटानगर रेलवे स्टेशन में कैसे बोतल बंद पानी और चिप्स कुरकुरे आदि की बिक्री हो रही है. इस पर एजीएम ने रेलवे पर सारा पासा फेंकते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने कमिश्नर को बताया कि इसे लेकर रेलवे को वह कई बार पत्राचार कर चुकी है और इस संबंध में रेलवे के सीनियर डीसीएम द्वारा जवाब दिया गया है कि हमने किसी की नियुक्ति नहीं की है. अब सवाल उठता है कि कैसे खुलेआम स्टेशन में यह खेल चल रहा है. कमिश्नर ने रेलवे को इस बाबत सूचना देने का निर्देश दिया है. इसके अलावा अन्य छह मामलों में भी रेलवे को चार सप्ताह के अंदर आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार को जवाब देने का सख्त निर्देश दिया है. रेलवे की ओर से प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं जन सूचना पदाधिकारी दोनों वीसी में शामिल नहीं हुए थे. उनकी तरफ से एक प्रतिनिधि हाजिर था, जो किसी भी जानकारी से अनभिज्ञ था. इस पर कमिश्नर ने उनकी क्लास भी ली. सूचक कमलेश कुमार ने टाटानगर स्टेशन में संचालित केएमए रेस्टोरेंट, राउरकेला स्टेशन में साफ-सफाई की व्यवस्था, टाटानगर स्टेशन की साफ सफाई की जानकारी और सबसे महत्वपूर्ण भाग रेल कर्मी सुनील कुमार पिल्ले की आत्महत्या के मामले में भी कमिश्नर ने सख्त रूख लेते हुए रेलवे को आदेश दिया कि जल्द ही कमलेश कुमार को उनके दवारा मांगी गई सूचना उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा कि जांच का हवाला देकर आप इस मामले को दबा नहीं सकते. साथ ही चेतावनी दी कि वह प्रथम अपीलीय अधिकारी व जन सूचना पदाधिकारी को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी करेंगे
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