उदित वाणी, जमशेदपुर: समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में मंगलवार को जिला दण्डाधिकारी-सह-उपायुक्त अनन्य मित्तल द्वारा जनता दरबार का आयोजन किया गया. इस दौरान 50 से अधिक नागरिकों ने अपने व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक मुद्दों को उपायुक्त के समक्ष रखा. उपायुक्त ने प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से सुनते हुए संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समयबद्ध तरीके से कार्रवाई सुनिश्चित करें. उन्होंने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़े मामलों में कोई भी लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी.
समस्याओं का दायरा: बच्चों से लेकर भूमि तक
जनता दरबार में जिन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया उनमें बच्चों के नामांकन हेतु जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने की मांग, भूमि विवाद, विद्युत आपूर्ति की परेशानी, पेयजल संकट, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में प्रवेश, आर्म्स लाइसेंस, कॉलेज हेतु भूमि आवंटन जैसी बातें शामिल थीं. उपायुक्त ने सभी फरियादियों को आश्वस्त किया कि उनकी बातों को न केवल दर्ज किया गया है, बल्कि शीघ्र समाधान हेतु संबंधित विभाग को भेजा जा रहा है.
पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष ज़ोर
बैठक के दौरान उपायुक्त मित्तल ने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि वे प्रत्येक आवेदन की भौतिक जांच करें. शिकायतों के निष्पादन की प्रक्रिया को पारदर्शी रखा जाए और इसकी समय-समय पर समीक्षा करते हुए निष्कर्षों की प्रतिपुष्टि उपायुक्त कार्यालय को सौंपी जाए. उन्होंने यह भी दोहराया कि आमजन की समस्याएं ही प्रशासनिक प्राथमिकता होनी चाहिए और जनविश्वास को बनाए रखने के लिए संवेदनशीलता एवं कर्तव्यनिष्ठा अनिवार्य है.
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