उदित वाणी, जमशेदपुर: शनिवार को DBMS कॉलेज ऑफ एजुकेशन में “हरित पहलों को अपनाने और अपनाने के लिए शिक्षा की शक्ति का उपयोग करना” विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन हुआ. इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य विद्यार्थियों को प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना था. मुख्य प्रायोजक टाटा स्टील द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सात एनजीओ ने पर्यावरण संरक्षण संबंधी अपने कार्यों को छात्रों के साथ साझा किया.
सम्मेलन का प्रारंभ और प्रमुख वक्ता
सम्मेलन की शुरुआत सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन के स्वागत भाषण से हुई. इसके बाद पामेला घोष दत्ता ने पहले दिन के कार्यक्रम का सारांश प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि सम्मेलन की शुरुआत स्कूल के नौंवी कक्षा के छात्रों के लिए वर्ल्ड बैंक के डॉ. अशेष द्वारा की गई शानदार प्रस्तुति से हुई. इस अवसर पर 13 दिसंबर को टाटा स्टील UISL ने सौर ऊर्जा के उपयोग और विद्युत उत्पादन के विभिन्न प्रकारों के बारे में जानकारी दी, जैसे ऑन ग्रिड, ऑफ ग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम.
एनजीओ और उनके योगदान
सम्मेलन में विभिन्न एनजीओ ने अपने कार्यों को साझा किया. घोरामारा टापू और सुंदरवन से आए छात्रों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बारे में अपने अनुभव साझा किए. हाउस ऑफ ग्रोनेस्ट, कोइम्बटोर के दीपिका और श्रीकांत ने बायो एंजाइम के बारे में बताया, जो फलों के छिलकों और अन्य जैविक अपशिष्टों से बनाया जाता है और यह घर की सफाई के लिए एक इको-फ्रेंडली उत्पाद है. कोरू फाउंडेशन के दीपक सोनी ने वीडियो के माध्यम से जलवायु परिवर्तन को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव रखा.
अन्य विचार-विमर्श और प्रस्तुतियां
जूनियर कार्मेल कॉलेज के छात्रों ने सतत विकास के लक्ष्यों पर एक प्रस्तुति दी. गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की विधि को सुरदीप प्राकृतिक पेंट ने विस्तार से समझाया. विनिशा के संस्थापक रमेश चंद्र ने पर्यावरण के प्रति बच्चों में जागरूकता बढ़ाने के अपने अनुभव साझा किए. सम्मेलन में रिड्यूस, रिसायकल और रियुज की पद्धतियों पर चर्चा की गई और यह कार्यक्रम जीरो वेस्ट था.
शोध पत्र लेखन में उत्कृष्टता
सम्मेलन में श्रेष्ठ शोध पत्र लेखन के लिए कंचन कुमारी, एंजेला मुंडा, रशिका ददियाला, नताशा मेरी जोसफ, राणा सूर्या मुखर्जी, दीक्षा कुमारी और कक्षा 9 के सौरभ और सिद्धि को सम्मानित किया गया. इन शोध पत्रों का मूल्यांकन टाटा स्टील के चीफ दिलीप और श्री आनंद ने किया था. सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए.
समापन और भविष्य की दिशा
सम्मेलन के समापन सत्र के मुख्य अतिथि हुलाडेक के सीईओ नंदन मॉल थे. प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता ने उनके स्वागत के दौरान बताया कि DBMS कॉलेज ई-वेस्ट का कलेक्शन सेंटर भी है. समापन सत्र में विशिष्ट अतिथि डॉ. संजीव आनंद, कोल्हान विश्वविद्यालय के CVC ने DBMS कॉलेज को देश के 10 श्रेष्ठ बी.एड. कॉलेजों में शामिल होने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय को इस उपलब्धि पर गर्व है.
धन्यवाद ज्ञापन और कार्यक्रम का समापन
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोनिका उप्पल ने किया, जिसमें उन्होंने चेयरपर्सन ललिता चंद्रशेखर, अध्यक्ष बी. चंद्रशेखर, सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन, सह सचिव सुधा दिलीप, गवर्निंग बॉडी सचिव सतीश सिंह, प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता और अन्य सभी शिक्षकगण का आभार व्यक्त किया. अंत में संरक्षिका भानुमति नीलकंठन ने सफल आयोजन की सराहना की. कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, और दो दिवसीय सम्मेलन का संचालन अंजलि गणेशन ने किया.
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