उदित वाणी, जमशेदपुर : जिले में जल शक्ति अभियान की प्रगति एवं जलछाजन की योजनाओं की समीक्षा बैठक उप विकास आयुक्त मनीष कुमार द्वारा किया गया ।
बैठक में निदेशक डीआरडीए सौरभ सिन्हा, निदेशक एनईपी ज्योत्सना सिंह, सोशल फॉरेस्ट्री के डीएफओ, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के पदाधिकारी तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे। उप विकास आयुक्त ने डीएफओ- सोशल फॉरेस्ट्री को पर्यावरणीय तथा सामाजिक व ग्रामीण विकास के उद्देश्य से वनों का रोपण, संरक्षण, प्रबंधन तथा ऊसर भूमि पर ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने के निर्देश दिए।
उन्होने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काफी संवेदनशील प्रयास किए जा रहे हैं, जरूरत है कि जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर इस दिशा में कार्ययोजना बनाकर बेहतर तरीके से कार्य किए जाएं । ग्राम पंचायत की सरकारी, सामान्य भूमि, बंजर भूमि और पंचायत भूमि पर ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण किया जाए ।
सामाजिक वानिकी से वनों का प्रबंधन और संरक्षण के साथ-साथ बंजर भूमि का वनीकरण होगा, जिसका उद्देश्य पर्यावरण के साथ-साथ ग्रामीण विकास में मदद करना है । वहीं ईंधन के लिए लकड़ी, चारा और घास का वृक्षारोपण विकसित करके पारंपरिक वन क्षेत्रों पर दबाव कम किया जा सकेगा ।
जिले में जलछाजन से जुड़ी परिसंपत्तियों का ब्यौरा जुटाने का दिया गया निर्देश :
उप विकास आयुक्त ने प्राकृतिक जल स्रोतों का संरक्षण एवं उन्हें रिचार्ज करने पर जोर देते हुए कहा कि जल शक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य ही वर्षा जल का प्रबंधन और संरक्षण तथा प्राकृतिक स्रोतों को रिचार्ज करना है । उन्होने पिछले 2 वर्षों में जलछाजन से जुड़ी योजनाओं जैसे तालाब, डोभा, चेकडैम, ट्रेंच कम बंड, मेढ़बंदी, सोक पीट, रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग आदि परिसंपत्तियों का एक विस्तृत रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया । उप विकास आयुक्त ने कहा कि इन योजनाओं का बहुपयोगी उद्देश्य रहा है, गिरते भू-गर्भ जलस्तर को बचाने तथा जल को लेकर सभी ग्राम पंचायत आत्मनिर्भर बनें, वर्षा जल पर आश्रित नहीं रहें इसलिए जरूरी है कि हम प्राकृतिक रूप से मिल रहे जल को संग्रहित एवं उनके स्रोतों को संरक्षित करें ।
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