उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने आज जमशेदपुर अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने कार्यालय में विभिन्न दस्तावेजों, पंजी, संचिकाओं आदि की जांच की. साथ ही उन्होंने इन दस्तावेजों को बेहतर रखरखाव और उचित संधारण के निर्देश दिए. कार्यालय के सभी कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया.
नियमितता और पारदर्शिता की जरूरत
निरीक्षण के दौरान, मित्तल ने विशेष रूप से आगत-निर्गत पंजी, नीलाम पत्रवाद, लगान निर्धारण के मामलों, जिला से भेजे गए पत्रों के कंप्लायंस और कैशबुक की जांच की. इसके अलावा, उन्होंने भूमि हस्तांतरण, सरकारी भूमि का अतिक्रमण, अवैध जमाबंदी, म्यूटेशन, नामांतरण और टाटा लीज अतिक्रमण संबंधित मामलों की भी समीक्षा की. सभी दस्तावेजों को दुरुस्त रखने का निर्देश दिया गया.
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे पर सख्त कार्रवाई
उपायुक्त ने अंचल कार्यालय के कर्मचारियों को सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री, अवैध कब्जा और निर्माण पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि किसी भी परिस्थिति में सरकारी जमीन पर कब्जा या अवैध निर्माण होता है, तो संबंधित सरकारी कर्मचारी की जवाबदेही तय करते हुए बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, अवैध कब्जे की स्थिति में तुरंत नोटिस जारी कर, सर्वेक्षण और जेपीएलई की कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
बायोमीट्रिक उपस्थिति पर जोर
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने कार्यालय में बायोमीट्रिक उपस्थिति की भी जांच की. उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक उपस्थिति के बिना अनुपस्थित माने जाएंगे और सभी कर्मचारियों को समय पर कार्यालय में उपस्थित होकर अपनी बायोमीट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
अंचल कार्यालय की संरचना को सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता
उपायुक्त ने अंचल कार्यालय की आधारभूत संरचना को और मजबूत बनाने के लिए अंचल अधिकारी को निर्देश दिया. उन्होंने सभी कर्मचारियों को दक्षता और पारदर्शिता के साथ जन कर्तव्यों का निर्वहन करने की आवश्यकता बताई. इस दौरान अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद और अंचल अधिकारी मनोज कुमार भी उपस्थित थे.
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