उदित वाणी, जमशेदपुर: संस्कृति मंत्रालय के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा 21 से 31 जुलाई 2024 तक दिल्ली में विश्व धरोहर समिति के 46वें सत्र का आयोजन किया गया. इस ऐतिहासिक सत्र का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने किया. इसमें 140 से अधिक देशों के करीब 2,900 प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें संस्कृति मंत्री, राजदूत, यूनेस्को के अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी थे. इस बैठक के दौरान संस्कृति मंत्रालय ने ‘प्रोजेक्ट परी’ की शुरुआत की, जिसके तहत दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर दीवार चित्रकारी, भित्ति चित्र और मूर्तियों की स्थापना की गई. यह पहल भारत की सार्वजनिक कला को प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय प्रयास थी, जिससे भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर और अधिक पहचान मिली.
असम की नई विश्व धरोहर
भारत ने जुलाई 2024 में असम के ‘मोइदम्स-अहोम राजवंश की टीलेनुमा संरचना में दफनाने की व्यवस्था’ को विश्व धरोहर सूची में शामिल कराया. यह स्थल अहोम राजवंश के मध्यकालीन शाही परिवार का कब्रिस्तान है. अब भारत की 43 सांस्कृतिक धरोहरें यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हो चुकी हैं, जबकि 56 धरोहरें संभावित सूची में हैं.
भारत-अमेरिका सांस्कृतिक संपदा समझौता
26 जुलाई 2024 को भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संपदा के संरक्षण और अवैध तस्करी को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन और अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए. यह समझौता दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
पुरानी कलाकृतियों की वापसी
अब तक कुल 358 पुरानी कलाकृतियां भारत को वापस प्राप्त हो चुकी हैं. इनमें से 13 कलाकृतियां 2013 तक और बाकी 345 कलाकृतियां 2014 से 2024 के बीच वापस लाई गईं. इसके अतिरिक्त, 297 कलाकृतियां अमेरिका से भारत लाए जाने की प्रक्रिया में हैं. ये कलाकृतियां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सितंबर 2024 में अमेरिका यात्रा के दौरान सौंपीं. यह भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में एक बड़ा कदम है.
नई संग्रहालय योजना
नई दिल्ली के रायसीना हिल स्थित उत्तर और दक्षिण ब्लॉक सचिवालय भवनों में ‘युग युगीन भारत राष्ट्रीय संग्रहालय’ का निर्माण किया जा रहा है. यह दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा, जो 1,55,000 वर्ग मीटर में फैला होगा. इस संग्रहालय के निर्माण के लिए भारत और फ्रांस गणराज्य ने सहयोग किया है. यह संग्रहालय भारत की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और समृद्धि के उद्देश्य से बनाया जा रहा है.
महत्वपूर्ण समझौते और साझेदारियां
भारत ने 2 अगस्त 2024 को भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण और यूसीएल पुरातत्व संस्थान, लंदन के साथ जैव पुरातत्व के क्षेत्र में नवीनतम विधियों के अध्ययन और अनुसंधान के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए. इसके अलावा, 16 अगस्त 2024 को भारतीय मानव विज्ञान सर्वेक्षण और बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान (बीएसआईपी), लखनऊ ने प्राचीन और आधुनिक जीनोमिक्स का उपयोग करके दक्षिण एशिया के जनसंख्या इतिहास पर एक और MOU पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों से भारत की सांस्कृतिक धरोहर और मानव इतिहास की गहरी समझ प्राप्त होने की संभावना है.
शास्त्रीय भाषाओं की मान्यता
भारत सरकार ने 3 अक्टूबर 2024 को असमिया, मराठी, पाली, प्राकृत और बंगाली को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता दी. अब भारत की शास्त्रीय भाषाओं की संख्या 11 हो गई है. यह निर्णय भारतीय भाषाओं के शोध, विकास और संवर्धन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और भारत की भाषाई धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है.
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी
26 दिनों तक चलने वाली ऐतिहासिक प्रदर्शनी में भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों और उनके शिष्यों, अरहंत सारिपुत्र और अरहंत मौद्गलायन के अवशेषों को थाईलैंड भेजा गया. इस प्रदर्शनी को 4 मिलियन से अधिक अनुयायियों ने देखा. यह आयोजन भारत और थाईलैंड के बीच सांस्कृतिक सहयोग को प्रगाढ़ करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास था.
पहला एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन
नवंबर 2024 में आयोजित पहले एशियाई बौद्ध शिखर सम्मेलन में 32 देशों के 160 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया. सम्मेलन का उद्देश्य बुद्ध धम्म की भूमिका पर विचार करना था, और इसमें सतत विकास, सामाजिक सद्भाव और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर चर्चा की गई.
अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस समारोह
17 अक्टूबर 2024 को संस्कृति मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC) के सहयोग से विज्ञान भवन में अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस मनाया. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया. यहां पाली भाषा और बौद्ध धम्म के महत्व पर विशेष वार्ता की गई.
भारत की साहित्यिक कृतियों का वैश्विक सम्मान
8 मई 2024 को मंगोलिया में ‘रामचरितमानस’, ‘पंचतंत्र’ और ‘सहृदयलोक-लोकन’ जैसी महत्वपूर्ण भारतीय साहित्यिक कृतियों को एशिया और प्रशांत क्षेत्र के विश्व समिति के क्षेत्रीय रजिस्टर में शामिल किया गया. यह भारत की समृद्ध साहित्यिक धरोहर को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
‘हर घर तिरंगा अभियान’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 से 15 अगस्त 2024 तक ‘हर घर तिरंगा अभियान’ की शुरुआत की. इस अभियान के तहत 5 करोड़ से अधिक लोगों ने तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी अपलोड की और देशभक्ति का जश्न मनाया. इस अभियान ने राष्ट्रीय एकता और गौरव को नई दिशा दी.
गुजरात में भारत का पहला पुरातत्व अनुभव संग्रहालय
गुजरात के वडनगर में भारत का पहला पुरातत्व अनुभव संग्रहालय बन रहा है, जो 212.10 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है. यह संग्रहालय 13,500 वर्ग मीटर में फैला होगा और यहां प्राचीन मानव बस्तियों के साक्ष्य प्रदर्शित किए जाएंगे.
कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो
18 और 19 मई 2024 को कोलकाता के साइंस सिटी में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्सपो का आयोजन हुआ. इस एक्सपो में नवाचार, प्रौद्योगिकी और शिक्षा के समागम को प्रदर्शित किया गया.
शिवाजी महाराज की 350वीं राज्याभिषेक वर्षगांठ की प्रदर्शनी
6 जून 2024 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में “छत्रपति शिवाजी महाराज: महान राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ” प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें उनकी वीरता और राज्याभिषेक की महिमा को सम्मानित किया गया.
महान भारतीय सुधारकों की गैलरी का उद्घाटन
6 जुलाई 2024 को कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में महान भारतीय सुधारकों की गैलरी का उद्घाटन किया गया, जो भारतीय समाज में सुधार लाने वाले महान व्यक्तित्वों को सम्मानित करती है.
हुमायूं का मकबरा संग्रहालय का उद्घाटन
29 जुलाई 2024 को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे को संग्रहालय के रूप में परिवर्तित किया गया, जो भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण प्रतीक बन गया.
मुकेश की 100वीं जयंती पर डाक टिकट का विमोचन
महान गायक मुकेश की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनके सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।