
उदित वाणी, जमशेदपुर: उन्नत भारत अभियान के क्षेत्रीय समन्वयक संस्थान राष्ट्रीय प्रौधोगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर द्वारा उन्नत भारत अभियान से जुड़े झारखंड के संस्थान समन्वयकों के लिए दो दिवसीय ऑरिएंटेशन कार्यशाला का उद्घाटन शनिवार को हुआ.
मुख्य अतिथि मनोज कुमार, कोल्हन आयुक्त, विशिष्ठ अतिथि प्रो. विजय पांडेय, कुलपति, झारखंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, रांची, डॉ आर रमेश, सह प्राध्यापक, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद, एनआईटी जमशेदपुर के उपनिदेशक डॉ राम विनय शर्मा, कुलसचिव कर्नल डॉ निसिथ शर्मा एवं डॉ रंजीत प्रसाद, संयोजक, उन्नत भारत अभियान, झारखंड के कर कमलों द्वारा किया गया.
सबसे पहले उन्नत भारत अभियान के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ रंजीत प्रसाद द्वारा विषय प्रवेश एवं कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला गया. उन्होंने समाज के विभिन्न हितधारक संस्थाओं के संबंध के विषय में चर्चा की.
प्रसाद ने बताया कि उन्नत भारत अभियान के माध्यम से शिक्षक, छात्र, प्रसाशन एवं सामाजिक हितकारी संस्थाएं कैसे एक साथ मिल कर समाज एवं शिक्षा का विकास कर सकती है. उन्होंने भारत के कृषि प्रधान देश होने पर कहा कि भारत एक उद्योग प्रधान देश रहा है एवं कृषि हर घर में होता था.
देश भर में एक हजार यूनिवर्सिटी
विशिष्ठ अतिथि डॉ आर रमेश ने उन्नत भारत अभियान की संभावनाओं पर बात करते हुए कहा कि भारत में लगभग एक हजार विश्वविद्यालय हैं, जिसके अंदर लगभग चालीस हजार महाविद्यालय हैं.
इन कॉलेजों 3 करोड़ स्टूडेन्ट्स एवं 15 लाख प्रोफेसर्स कार्यरत हैं. इतने विशाल शिक्षा तंत्र में यदि एक एक संस्थान भी यदि 2 से 5 गांव को अपना सेवा गांव के रुप में लेते हैं तो लगभग दो लाख गांव के साथ शिक्षक एवं विद्यार्थियों का संबंध जुड़ सकेगा. उन्होंने छात्रों से “आइडीएसन टू प्रैक्टिस”का उपयोग कर आप ग्रामीण स्तर पर विभिन्न शोध कर सकतें है.
इसके बाद विशिष्ठ अतिथि प्रोफेसर विजय पांडेय ने बेहद महत्वपूर्ण बात कही कि समाज का शहरीकरण ना ही टिकाऊ है ना ही वांछनीय है. साथ ही साथ उन्होंने कहा कि झारखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय से लगभग 70 इंजीनियरिंग एवं पोलिटेक्निक कॉलेज जुड़े हुए हैं. वे सभी संस्थान उन्नत भारत अभियान से जुड़ सके, इसके लिए उनका सहयोग मिलेगा.
गांव से हमारी जड़ें जुड़ी हुई हैं-आयुक्त
मुख्य अतिथि कोल्हान के आयुक्त डॉ मनोज कुमार ने कहा कि गांव ही हमारी जड़ें हैं. उसी की संस्कृति लेकर हम यहां तक पहुचे हैं. उन्होंने कहा कि वे केरा गांव जाकर गांव वालों से मिलना चाहेंगे.
उन्नत भारत अभियान से जुड़े कार्यों में हर संभव प्रशासनिक मदद देना चाहेंगे. संस्थान के उप निदेशक राम विनय शर्मा ने जन जीवन में तकनीक के महत्व का उदाहरण दिया कि कैसे एक प्रोजेक्ट के माध्यम से उन्नत चूल्हा के द्वारा 5 से 20 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत की गई थी. तथा छात्रों एवं समन्वयकों से आग्रह किया कि आप भी इसी तरह के प्रोजेक्ट ले सकतें हैं.
उन्नत भारत अभियान की संस्थान समन्वयक डॉ कनिका प्रसाद ने सभागार में उपस्थित सभी संस्थान समन्वयन, उन्नत भारत अभियान की छात्र स्वयंसेवक की आयोजन समिति, एनआईटी जमशेदपुर निदेशक, क्षेत्रीय समन्वयक संस्थान के समन्वयक डॉ रंजीत प्रसाद का धन्यवाद किया. साथ ही उन्नत भारत अभियान से जुड़े गांव केरा के परेश जी को प्रतीक चिन्ह हेतु धन्यवाद दिया.
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