उदित वाणी, जमशेदपुर: पार्वती घाट पर समर्पण, सेवा और सामुदायिक भावना के प्रतीक रूप में विकसित ‘शक्ति स्तंभ उद्यान’ और ‘अमृत धारा’ पेयजल स्टेशन का भव्य उद्घाटन मंगलवार की शाम किया गया. यह पहल उन भावुक व्यक्तियों को समर्पित है, जिन्होंने पार्वती घाट को श्मशान स्थल से एक श्रद्धा-स्थान और सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया.
नारियल और टीका के साथ हुआ पारंपरिक उद्घाटन
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक हिन्दू विधि अनुसार नारियल फोड़कर और तिलक लगाकर की गई. इस दौरान ‘शक्ति स्तंभ उद्यान’ और ‘अमृत धारा’ का लोकार्पण सामूहिक सहभागिता की प्रेरक मिसाल बना.
भावनाओं से जुड़ा परिचय, योजनाओं की प्रस्तुति
कार्यक्रम के अध्यक्ष संजीव सहगल ने स्वागत भाषण में घाट निर्माण से जुड़ी भावनाओं को साझा किया. श्री नलिन गोयल ने परियोजना से जुड़ी तकनीकी और क्रियान्वयन से जुड़ी जानकारियां दीं. अतिथि वक्ताओं में इंदर अग्रवाल और राममूर्ति ने घाट से अपने वर्षों पुराने आत्मीय संबंध और इसकी समाजसेवा की भूमिका पर प्रकाश डाला. धन्यवाद ज्ञापन डी. उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत किया गया. इस पहल को मूर्त रूप देने में समिति के संजीव सहगल, दीपक पंचमिया, अमित पारीख, सज्जन देबुका, डी. के. भट्ट, नलिन गोयल और हर्षद शाह के सतत प्रयास अहम रहे.
दानकर्ताओं में प्रमुख रूप से बिपिन अदेशरा, मुकेश अदेशरा, हितेश अदेशरा, स्वर्गीय बिनोद देबुका का परिवार, इंदर अग्रवाल, रुखीबेन पटेल, जित्तू पटेल, नंदू पटेल (उद्यान हेतु) और अमित पारीख (पेयजल सुविधा हेतु) उपस्थित रहे.
शक्ति स्तंभ: श्रद्धा, समर्पण और सामूहिक प्रयास का प्रतीक
यह उद्यान उन व्यक्तियों की स्मृति को समर्पित है, जिन्होंने घाट के निर्माण और संवर्द्धन में अद्वितीय योगदान दिया. यह स्थान अब एक शांति स्थल के साथ-साथ सामुदायिक सौहार्द्र का प्रतीक बन चुका है.
अमृत धारा: शुद्ध जल की सहज उपलब्धता
‘अमृत धारा’ एक अत्याधुनिक पेयजल केंद्र है. इसका उद्देश्य घाट पर आने वाले आगंतुकों और स्थानीय नागरिकों को स्वच्छ, सुलभ जल प्रदान करना है. यह प्रयास स्वच्छता, स्वास्थ्य और मानव सेवा के प्रति समर्पित सोच को दर्शाता है.
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