उदित वाणी, जमशेदपुर: आदिवासी सेंगेल अभियान (एएसे) ने आज अपनी विभिन्न मांगों के समाधान की मांग को लेकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया. धरना के बाद उपायुक्त को एक मांगपत्र भी सौंपा गया. ज्ञापन में कहा गया है कि देश में संविधान लागूू है, लेकिन अधिकांश आदिवासी गांव-समाज में जनतंत्र, संविधान-कानून, मानवाधिकार लागू नहीं है.
इन बातों से अवगत कराते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान ने केंद्र और राज्य सरकार से इसे लागू करने की मांग की है. ज्ञापन में कहा गया है कि संविधान के लागू न होने के कारण आदिवासी गांव-समाज में नशापान, अंधविश्वास, डायन प्रथा, डंडोम (जुर्माना), बरोन (सामाजिक बहिष्कार) डान पनते (डायन शिकार) वोट की खरीद- बिक्री, आदिवासी महिला विरोधी मानसिकता, ईर्ष्या-द्वेष और वंशानुगत आदिवासी स्वशासन (माझी परगना) व्यवस्था आदि में सुधार नहीं हो पा रहा है.
इस दौरान जूनियर मुर्मू, सीताराम माझी, सुनील मुर्मू, सुरेंद्र चंद्र हांसदा, मंगल पाड़ेया, रंजीत मांडी, डॉ सोमय सोरेन, इलीसा पाड़ेया भागीरथ मुर्मू, सनत बास्के, घनश्याम टूडू, साहेबराम माझी, मनोज मुर्मू आदि उपस्थित थे.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।