संवाददाता
लॉकडाउन में टाटा स्टील ने हर मोर्चे पर इतिहास रचा है. मुनाफे के मामले में टाटा स्टील ने टाटा समूह की समसे कमाऊ कंपनी टाटा कन्सलटेंसी सर्विस (टीसीएस) को भी पीछे छोड़ दिया है. वित्त वर्ष 2021-22 की जारी रिपोर्ट टाटा स्टील की सफलता की नई कहानी कहती है. रिपोर्ट के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में टाटा स्टील का शुद्ध मुनाफा बढ़कर 41749 करोड़ रूपए हो गया, जो टीसीएस के शुद्ध मुनाफे से ज्यादा है.
इस वित्तीय वर्ष में टीसीएस का लाभ 38327 करोड़ रूपए रहा. मुनाफे के साथ ही टाटा स्टील का कर्ज भी घटा है. टाटा स्टील का कर्ज 2 साल में शुद्ध आधार पर 1.01 लाख करोड़ से घटकर 50 हजार करोड़ हो गया है. पहले उनके पास 7000 करोड़ के बराबर नकद राशि थी. ये बात अलग है कि 40 हजार करोड़ से ज्यादा कमाने वाली टाटा स्टील की कीमत 1.5 लाख करोड़ के करीब है, जबकि टीसीएस के 38,000 करोड़ का लाभ कमाने के बावजूद इसका मूल्य 13 लाख करोड़ है. पिछले 12 वर्षों में टीसीएस का शुद्ध लाभ 2,83,368 करोड़ रहा है जबकि टाटा स्टील का शुद्ध लाभ 75,213 करोड़ रहा. यानि समेकित रूप से देखा जाय तो अभी भी टीसीएस, टाटा स्टील के मुकाबले ज्यादा वैल्यू वाली कंपनी है.
नीलांचल का अधिग्रहण इस तिमाही के अंत तक
टाटा स्टील, नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (एनआईएनएल) का अधिग्रहण चालू तिमाही के अंत तक पूरा कर लेगी. टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा कि टाटा स्टील के लिए समर्पित लॉन्ग प्रोडक्ट कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए एनआईएनएल का अधिग्रहण महत्वपूर्ण है. उल्लेखनी है कि 31 जनवरी को टाटा स्टील ने 12,100 करोड़ रुपये में ओडिशा स्थित स्टील निर्माता एनआईएनएल में 93.71 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बोली जीतने की घोषणा की थी. ऑक्सीजन, नाइट्रोजन और आर्गन के उत्पादन के लिए आंतरिक बिजली की आवश्यकता और वायु पृथक्करण इकाई को पूरा करने के लिए एनआईएनएल का अपना कैप्टिव पावर प्लांट है।
37 फीसदी का नेट प्रोफिट
टाटा स्टील का नेट प्रॉफिट मार्च 2022 को खत्म हुई तिमाही में 37 प्रतिशत बढ़कर 9,835.12 करोड़ रुपये हो गया. मुख्य रूप से इंकम बढ़ने से कंपनी का लाभ बढ़ा है. एक साल पहले 2020-21 की इसी तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 7,161.91 करोड़ रुपये रहा था. कुल आय 2021-22 की जनवरी-मार्च तिमाही में बढ़कर 69,615.70 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. यह एक साल पहले इसी तिमाही में 50,300.55 करोड़ रुपये थी.टाटा स्टील का खर्च आलोच्य तिमाही (Quarter under review) में बढ़कर 57,635.79 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही में 40,102.97 करोड़ रुपये था.
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