उदित वाणी, रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम [आरएमसी] के 18 पार्षदों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन के खंडपीठ ने पार्षदों को हर्जाने की राशि 30 दिनों के अंदर हाईकोर्ट एडवोकेट लिपिक संघ में जमा कराने का निर्देश दिया और कहा कि 30 दिनों के अंदर जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर सभी 18 पार्षदों के वेतन से राशि काटी जाएगी.
कोरोना काल में सुविधा उपलब्ध कराने व पानी की समस्या से निपटने के लिए पार्षदों ने रांची नगर निगम से अतिरिक्त राशि की मांग की थी और राशि नहीं मिलने पर पार्षद सुनील कुमार समेत 18 वार्ड के पार्षदों ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी.
इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता गौरव राज ने पक्ष रखते हुए कहा कि याचिका दाखिल करने वाले वार्ड पार्षद हैं और वे अपनी संस्था नगर निगम से पैसा दिलाने के लिए कैसे याचिका दाखिल करके राज्य सरकार से आग्रह कर सकते हैं.
यह जनहित याचिका नहीं हो सकती है. इसके बाद अदालत ने भी माना कि पार्षदों की ओर से दाखिल की गई याचिका जनहित याचिका नहीं है और अदालत ने प्रार्थियों पर दस-दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
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