उदित वाणी, रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरूवार दोपहर 12 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे. ईडी द्वारा अवैध खनन मामले में किये गये समन पर हेमंत सोरेन ने ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा को 12 बिन्दुओं में स्पष्टीकरण देते हुए पत्र लिखा है और सोरेन उक्त पत्र को मीडिया के बीच वितरित करने के बाद ईडी कार्यालय भी साथ लेते गए.
अपने पत्र में उन्होंने कहा कि झारखंड में अवैध खनन को समाप्त करने के लिए वे कृत संकल्पित हैं और इस दिशा में किसी भी एजेंसी के ईमानदार प्रयास का स्वागत करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 दिसंबर 2019 को मेरी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद मेरे नेतृत्व में पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले 2 सालों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के बावजूद रॉयल्टी 270 करोड़ रुपए से बढ़कर 360 करोड़ रुपए हुआ है.
उन्होंने कहा कि लगभग 20 प्रतिशत पत्थर खनन का रॉयल्टी साहिबगंज से आता है. परन्तु आपके स्टेटमेंट से प्रतीत होता है कि साहिबगंज में पत्थर के अवैध खनन से 1000 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.
मुख्यमंत्री ने विस्तृत तकनीकी ब्यौरा देते हुए कहा कि खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले दो बर्षों में पूरे राज्य में लगभग 9 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है. जिसमें 60 प्रतिशत बोल्डर 35 प्रतिशत स्टोन चिप्स व 5 प्रतिशत स्टोन डस्ट इत्यादि है. इस 9 करोड़ मीट्रिक टन में से करीब 20 प्रतिशत पत्थर का खनन साहिबगंज जिला में हुआ है.
उन्होंनं कहा कि राज्य को 95 प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर, 175 रुपए प्रति मीट्रिक टन स्टोन चिप्स व 18 रूपये प्रति मीट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी मिलता है. इस प्रकार औसतन राज्य को 120 प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी पत्थर खनन से प्राप्त होता है.
जबकि दो बर्षों में 1000 करोड़ रुपए के रॉयल्टी के नुकसान के लिए करीब 8 करोड मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहिबगंज जिले में करने की आवश्यकता होगी. जो उस जिले में हुए वैध खनन का 4 गुणा होता है.
वहीं दो बर्षों में 8 करोड़ मीट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20 हजार से अधिक रेलवे रैक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी. क्योंकि एक रेलवे रैक की क्षमता चार हजार मीट्रिक टन व एक ट्रक की क्षमता 25 मीट्रिक टन की ही होती है.
रेलवे बगैर माइनिंग/मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है। ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रेक बगैर चालान के नहीं पाया है. क्योंकि अभी तक आपने किसी भी रेलवे कर्मचारी/ अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की है.
आपने बताया है कि पिछले 2 बर्षों में 6500 रेक साहिबगंज जिले से पत्थर खनन के लिए उपयोग किया गया है. यदि यह सारे 6500 रेलवे रेक केवल अवैध रूप से खनन किए गए पत्थर का परिवहन भी किया जाता है. जो संभव नहीं है, तो भी यह 8 करोड मीट्रिक टन अवैध खनन किए गए पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते हैं.
जिससे 1000 करोड़ रुपए का रॉयल्टी प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त दो बर्षों में 8 करोड़ मीट्रिक टन अवैध पत्थर के परिवहन के लिए हर दिन 4500 ट्रक की आवश्यकता होगी. जबकि पूरे साहिबगंज जिला में करीब 800 ट्रक मात्र ही निबंधित व चालू अवस्था में है.
साहिबगंज में कुछ घाट है जहां से आप क्लेम करते हैं कि जहाज के माध्यम से अवैध रूप से खनन किया गए पत्थर का परिवहन किया जाता है. परन्तु उपलब्ध सभी रेलवे रेक व जहाज मिलकर भी 8 करोड़ मीट्रिक टन अवैध रूप से खनन किये गये पत्थर का परिवहन नहीं कर सकते थे. जिससे कि राज्य को 1000 करोड़ रुपए रॉयल्टी का पिछले दो बर्षों में नुकसान हो सके.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह न केवल परिवहन असंभव है, बल्कि इसने क्रशर व अन्य संसाधन जैसे टिप्पर इत्यादि भी साहिबगंज में नहीं है. जिससे कि 4 करोड़ मीट्रिक टन प्रतिबर्ष अवैध पत्थर खनन को अंजाम दिया जा सके.
जबकि साहिबगंज में प्रत्येक बर्ष खनन मात्र एक करोड़ मीट्रिक टन पत्थर का है. किसी भी परिस्थिति में एक करोड़ मीट्रिक टन के वैध खनन के लिए उपलब्ध क्षमता व संसाधन से चार करोड़ मीट्रिक टन अवैध खनन संभव प्रतीत नहीं होता है. आप मात्र साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपए के अवैध पत्थर खनन का क्लेम कर रहे हैं.
जबकि जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पूरे झारखंड राज्य में पत्थर खनन से पिछले दो बर्षों में समेकित रूप से कुल 750 करोड रुपए रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुए हैं. मुझे लगता है कि आपने उक्त तथ्यों एवं आंकड़ों को साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन का आरोप लगाने से पहले संज्ञान में नहीं लिया है और ईडी को बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किए 1000 करोड़ रुपए का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज बयान जारी करना शोभा नहीं देता है.
ईडी को क्लेम पर करे पुनर्विचार
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने ईडी को क्लेम पर पुनर्विचार करेंगे और सनसनीखेज बयानों से परहेज करने का आग्रह किया है तथा कहा कि जो तथ्य एवं अपने आंखों द्वारा सत्यापन नहीं हो, ऐसा गैर जिम्मेदार बयान न केवल राज्य के संबंधित विभाग व उसके कर्मियों की छवि धूमिल करता है। बल्कि झारखंड राज्य की छवि भी खराब होती है.
जानी दुश्मन बनकर रवि केजरीवाल ले रहा है प्रतिशोध
उन्होंने कहा कि इसके अलावा यह भी लगता है कि राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने रवि केजरीवाल से अवैध खनन में फंसाने के लिए बयान दिलवाया है.
केजरीवाल जेएमएम का एक सदस्य था और 2020 में निष्कासित किए जाने के पहले कोषाध्यक्ष के पद पर था. जेएमएम द्वारा केजरीवाल के खिलाफ थाना में मामला भी दर्ज कराया गया था. तब से रवि केजरीवाल मेरा जानी दुश्मन बन चुका है और मुझसे व्यक्तिगत प्रतिशोध लेने के लिए मेरे ऊपर गलत आरोप लगाया है.
ईडी से निष्पक्ष रूप से बगैर किसी हिडेन एजेंडा व मोटिव के जांच किए जाने की अपेक्षा की जाती है. मैंने संविधान को अक्षुण्ण रखने की शपथ ली है और इस देश के ईमानदार नागरिक के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन एवं कानून की मान्यता रखने के लिए आपके कार्यालय में आज निर्गत सम्मान के अनुपालन में उपस्थित रहूंगा.
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