उदित वाणी, चांडिल: एक ओर जहां इंडी गठबंधन के समर्थक जश्न में डूबे हुए हैं, वहीं ईचागढ़ के झामुमो कार्यकर्ताओं के लिए भी एक और खुशी भरा पल आने वाला है, इसकी जानकारी झामुमो के आलाकमान ने पहले ही दे दी है.
बता दें कि सबिता महतो ने ईचागढ़ से लगातार दो बार चुनाव जीतकर यह साबित कर दिया है कि वे जनता के बीच लोकप्रिय हैं.
झारखंड राज्य गठन के बाद यह पहला मौका है जब कोई विधायक ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र से लगातार दूसरी बार विधानसभा में कदम रखेंगे. सबिता महतो की जीत से न केवल झामुमो के कार्यकर्ताओं में खुशी का माहौल था, बल्कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में भी उल्लास देखा गया.
झामुमो के लिए ईचागढ़ सीट को पुनः जीतना आसान नहीं था, लेकिन मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन द्वारा चांडिल, नीमडीह और टीकर में की गई तीन बड़ी सभाओं ने ईचागढ़ का राजनीतिक समीकरण ही बदल दिया.
वहीं सबिता महतो की बेटी स्नेहा महतो ने भी अपनी माता को जीत दिलाने के लिए कठिन मेहनत की. स्नेहा महतो ने हर मौके पर अपनी माता के कार्यकाल की उपलब्धियों का उल्लेख किया और हेमन्त सरकार द्वारा झारखंडवासियों के हित में लाए गए जनकल्याणकारी योजनाओं को विस्तार से बताया, जिससे कार्यकर्ताओं और समर्थकों को झामुमो गठबंधन के साथ जोड़े रखने में मदद मिली.
इसके परिणामस्वरूप, विधायक सबिता महतो को ईचागढ़ की जनता ने 77,552 वोट देकर सदन में भेजने का कार्य किया.
इस चुनाव में साबित महतो ने एनडीए प्रत्याशी हरेलाल महतो को 26,523 वोटों के अंतर से हराया। एनडीए प्रत्याशी हरेलाल महतो को 51,029 वोट मिले. अब ईचागढ़ के झामुमो इकाई और आम जनता दोनों ही अपने विधायक को मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
इस बीच यह संकेत मिल रहा है कि हेमन्त 2.0 मंत्रिमंडल में झामुमो की महिला कोटे से जामा विधायक डॉ. लुईस मरांडी और ईचागढ़ विधायक सबिता महतो में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है.
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