उदित वाणी, जमशेदपुर: एनसीएलटी कोलकाता में बलराज जोशी और रोहित कपूर के बेंच में शुक्रवार को इंकैब मामले की सुनवाई हुई.आरपी पंकज टिबरेवाल के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान यह कहा कि वेदांता द्वारा 500 करोड़ का रेजोल्यूशन प्लान दिया गया है जिसे कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स ने अनुमोदित किया है. तथाकथित कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) के रमेश घमंडी राम गोवानी की कंपनी कमला मिल्स, पेगासस और दूसरे लेनदारों ने उसका समर्थन किया.
रमेश धमंडीराम गोवानी ने उनकी कंपनियों कमला मिल्स और फस्कवा इनवेस्टमेंट को कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स में शामिल करने की मांग की. ट्रॉपिकल वेंचर्स के अधिवक्ता ने माननीय बेंच को बताया कि उनका पूरा दावा रिज्योल्युशन प्रोफेशनल ने मंजूर नहीं किया है.
असली लेनदार सामने नहीं आए हैं
मजदूरों के ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने माननीय बेंच को बताया कि तमाम लेनदारों के अलावे भी लेनदारों का एक समूह है जो वास्तविक लेनदार हैं जिनकी माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के 06.01.2016 के आदेश के अनुसार सिर्फ 21.63 करोड़ की लेनदारी है जबकि रिज्योल्यूशन प्रोफेशनल ने कमला मिल्स, फस्कवा इन्वेस्टमेंट, पेगासस और ट्रॉपिकल वेंचर्स जैसे फर्जी लेनदारों के साथ मिलीभगत कर 4000 करोड़ की फर्जी लेनदारी स्वीकृत की है.
उन्होंने बेंच को बताया कि असली लेनदार इस बेंच के समक्ष नहीं आये हैं और फर्जी लेनदार इस बेंच के सामने अपना दावा पेश कर रहे हैं. उन्होंने इसी बिना पर कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स की स्थापना को गैर कानूनी बताया है. चूंकि नये बेंच का गठन किया गया है अतः माननीय बेंच ने कहा कि अब नये सिरे से हियरिंग होगी. इस पर मजदूरों के अधिवक्ताओं ने माननीय बेंच से अनुरोध किया कि एनसीएलएटी के 4.6.2021 के आदेश के अनुसार सुनवाई की जानी चाहिए.
इस पर माननीय बेंच ने कहा कि वह सबसे पहले रिजोल्यूशन प्लान को सुनेगी और कोई भी आदेश पारित करने से पहले पिटीशन और बाकी तमाम आवेदनों को माननीय एनसीएलएटी और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के आलोक में सुनेगी.
आरपी का फर्जीवाड़ा
उल्लेखनीय है कि नये आरपी पंकज टिबरेवाल ने वही फर्जीवाड़ा किया है जो शशि अग्रवाल ने किया था. इसके अलावे आईआरपी ने जमशेदपुर और पुणे की जमीन की मालिकाना और अद्यतन स्थिति के साथ भी फर्जीवाड़ा किया है और रमेश घमंडीराम गोवानी द्वारा इंकैब कंपनी के लूटे गये लगभग 300 करोड़ का कोई भी हिसाब नहीं दिया और उन्हीं कंपनियों की कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स बनायी है जिसके चलते माननीय एनसीएलएटी ने माननीय एनसीएलटी के 07.02.2020 के लिक्विडेशन आदेश को निरस्त करते हुए शशि अग्रवाल को हटाया और आईबीबीआई से शशि अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनके आरपी बनने की अर्हता को सदा के लिए समाप्त कर दिया.
सभी अन्य आवेदनों जिसमें भगवती सिंह के कई आवेदन भी शामिल हैं, की अगली सुनवाई के लिए 22.08.2022 की तारीख मुकर्रर की. कर्मचारियों की तरफ से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव और आकाश शर्मा ने हिस्सा लिया.
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