- हवाला रैकेट में शामिल बांग्लादेशी महिलाएं रांची भागने में रही सफल
उदित वाणी, रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल और झारखंड में फैले एक बड़े हवाला घोटाले के सिलसिले में मंगलवार को छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया था । इस अभियान के दौरान 12 स्थानों पर छापे मारे गए थे। इस घोटाले में बांग्लादेशी नागरिकों के शामिल होने की भी जानकारी सामने आई है.
ईडी के अधिकारियों ने हवाला मामले में दो बांग्लादेशी नागरिकों—रोनी मोंडल और समीर चौधरी—को पहले ही गिरफ्तार किया था. इन दोनों के बैंक खातों की जांच की जा रही है, वहीं मोंडल के परिवार के सदस्यों के खातों पर भी छानबीन चल रही है. मोंडल का निवास पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर में है, और माना जा रहा है कि उसके पास उच्च स्तरीय राजनीतिक संपर्क हैं. इन संपर्कों के चलते मोंडल ने बांग्लादेशी होते हुए भी स्थानीय बैरकपुर नगर पालिका से व्यापार लाइसेंस प्राप्त किया और विभिन्न अनुबंध कार्य किए.
जांच एजेंसियों को यह भी जानकारी मिली है कि मोंडल और चौधरी के साथ अन्य गिरफ्तार आरोपियों—पिंटू हलदर और पिंकी बसु—के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, मोंडल तृणमूल कांग्रेस के विभिन्न कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल था, जो इस घोटाले से जुड़ी धनराशि के प्रवाह को स्पष्ट करने में मदद कर सकता है.
अधिकारियों का मानना है कि इस हवाला नेटवर्क में बांग्लादेश से लाई गई कुछ महिलाओं को भी शामिल किया गया था. इन महिलाओं को रोजगार का झांसा देकर अवैध तरीके से भारत लाया गया और उन्हें हवाला रैकेट में शामिल किया गया. इनमें से कुछ महिलाएं रांची भागने में सफल रही और वहां के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई. इन्हें हिंदू नामों वाले फर्जी आधार कार्ड भी जारी किए गए थे, ताकि वे आसानी से पहचान बदल सकें.
ED ने बताया कि यह मामला धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज किया गया है, और जांच के दौरान यह भी सामने आया कि हवाला के जरिए आए धन का एक हिस्सा परिवहन व्यवसाय में निवेश किया गया था.
मंगलवार को किए गए इन छापों में पश्चिम बंगाल और झारखंड दोनों ही राज्यों में 12 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसमें उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम में स्थित एक महिला के घर को भी शामिल किया गया था. यह महिला रांची में दर्ज एक मामले में आरोपी है, और हवाला रैकेट में उसके योगदान की जांच की जा रही है.
ईडी की इस कार्रवाई से साफ होता है कि हवाला के जाल में न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि झारखंड भी शामिल है, और इस घोटाले के तार बांग्लादेश से जुड़े हुए हैं.
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