उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड सरकार के सरकारी बाबू अपने कार्यालय व आवास के बिजली बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं. कोल्हान के अफसरों की बात करें तो उनपर बिजली विभाग का 250 करोड़ बकाया है.
जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, पुलिस विभाग, पशुपालन विभाग, नगर विकास विभाग, पेयजल व स्वच्छता विभाग, पथ निर्माण विभाग और स्वास्थ्य विभाग पर 15 करोड़ से 43 करोड़ तक का बिजली बिल बकाया है.
राज्यभर में करीब 600 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी जाती है, जबकि 430-500 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में मिलते हैं.
प्रबंध निदेशक ने सभी डीसी को भेजा पत्र
झारखंड बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अविनाश कुमार ने सभी विभागाध्यक्षों, डीसी, एसएसपी और एसपी को पत्र लिखकर अपने क्षेत्राधिकार में पडऩे वाले सरकारी आवास के उपभोक्ता नंबर और बकायादारों की सूची उपलब्ध कराने को कहा है. बताते चलें कि सरकार के किसी भी अधिकारी को अपने आवास के बिल का भुगतान स्वंय करना है.
जबकि सरकारी कार्यालय व भवन के बिल का भुगतान विभाग को करना होता है लेकिन न तो कार्यालय और न ही आवंटिक सरकारी आवास के बिल का भुगतान किया जा रहा है.
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