उदित वाणी जमशेदपुर : हावड़ा से मुबई रेल मार्ग पर चलने वाली (ट्रेन संख्या 12859/12860) गीताजंलि एक्सप्रेस आज अपने सफर की 45 साल पुरे कर लिए। दो महानगरों को जोड़ने वाली यह ट्रेन टाटा –राउलकेला- रायपुर- नागपुर – भुसावल जंक्शन के रास्ते में मुंबई से हावड़ा आना जाना करती है।
आज भी इस ट्रेन का जलवा पहले की तरह बकरार है। वैसे आज भी हावड़ा से और कई सुपरफास्ट ट्रेन चल रही है। लेकिन गीताजंलि एक्सप्रेस में टिकट के लिए आज भी मारा मारी हैं।वही 45 साल पुरे होने पर हावड़ा स्टेशन में एक सादा समारोह में रेलवे अधिकारियों और कुछ यात्रियों की उपस्थिति में लोको के सामने केक कटिंग की ।
वही इसको लेकर खड़गपुर सीनियर डीसीएम ने अपने सोशल साईट पर लिख कर प्रशंसको को बधाई दी है।
उस समय के तत्कालिन रेलमंत्री के सुझाव पर इस ट्रेन का नाम गातीजंलि एक्सप्रेस रखा गया था
इस ट्रेन को क्वीन ऑफ साउथ ईस्टर्न रेलवे की शुरुआत 4 नवंबर 1977 को हुई थी। इस ट्रेन का उदघाटन उस समय के तत्कालीन रेल मंत्री मधु दंडवते ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। उस वक्त इस ट्रेन का नाम ईस्टर्न एक्सप्रेस ऱखने का सुझाव दिया गया था।
लेकिन रेल मंत्री ने उस वक्त इस ट्रेन का नाम गीताजंलि एक्सप्रेस रखने को कहा था। उस वक्त इस ट्रेन का नाम गीताजंलि एक्सप्रेस रखा गया ।
प्रतिदीन चलती है गीताजंलि एक्सप्रेस
हावड़ा –मूबई –हावड़ा गीताजंलि एक्सप्रेस प्रतिदीन हावड़ा – मुबई की बीच आना जाना करती है। यह ट्रेन हावड़ा –मुबई के 1964 किलोमीटर की दुरी 31 घंटा 15 मिनट में तय करती है। इस दौरान इस ट्रेन का ठहराव 23 स्टेशनों में होता है। इस ट्रेन की अधिकत्तम स्पीड 130 किलोमीटर प्रतिघंटा हैं।
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