उदित वाणी, रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को अहम घोषणा की. उन्होंने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्र में रहनेवाले वैसे परिवार जो अपने घर के कैंपस में पेड़ लगाएंगे उन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रति पेड़ 5 यूनिट बिजली फ्री दी जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक कैंपस अथवा घरों के परिसर में पेड़ रहेंगे. उन्हें यह लाभ मिलता रहेगा.
परंतु गेंदा या गुलाब या किसी तरह के बागवानी पौधों के एवज में यह लाभ नहीं मिलेगा. बल्कि कोई फलदार या अन्य बड़े वृक्षवाले पौधे लगाने होंगे. मुख्यमंत्री सोरेन शुक्रवार को आईआईएम रांची के सभागार में आयोजित 73वें वन महोत्सव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
वहीं मुख्यमंत्री ने वन क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे से आरा मिलों को हटाने संबंधी आदेश पहले ही दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी कीमत पर वन क्षेत्र में आरा मिलें रहने नहीं दिया जायेगा. पदाधिकारियों की जानकारी के बिना जंगलों के बीच आरा मिलों का होना संभव नहीं है. यह षड्यंत्र व्यक्तिगत हितों के लिए रचा जा रहा है.
ऐसे लोगों को अपने कार्यशैली पर लगाम लगाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को प्राकृतिक संतुलन बनाकर ही रोका जा सकता है. मनुष्य से बड़ा धरती का दुश्मन कोई नहीं है. जलवायु परिवर्तन पूरे विश्व में एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर रहा है. प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करते हुए जिस प्रकार हम विकास की सीढिय़ां चढ़ रहे हैं.
उससे विनाश को ही आमंत्रण दे रहे हैं. किसी भी वजह से पेड़ कटे, तो उसकी भरपाई पेड़ लगाकर करने होंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड प्रदेश अलग और अद्भुत स्थान रखता है. यहां डायनासोर युग के इतिहास भी संरक्षित है और पर्यावरण संवर्धन के उद्देश्य से राज्य के चाकुलिया, गिरिडीह, साहेबगंज एवं दुमका में जैवविविधता पार्क का निर्माण किया जा रहा है.
राज्य का पहला एवं अनूठा फॉसिल पार्क भी जनता को समर्पित किया चुका है. इस फॉसिल पार्क में धरती की उत्पत्ति से संबंधित कई अवशेष और जानकारियां मिलती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य का नाम जंगलों पर आधारित है. झारखंड जंगलों से जुड़ी शब्द है और अपने प्रदेश के नाम के अनुरूप जंगलों का संरक्षण करें.
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