उदित वाणी, जमशेदपुर: 27 मार्च, विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर जमशेदपुर की प्रमुख नाट्य संस्था गीता थिएटर ने धूमधाम से अपना स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर संस्था के कलाकारों ने अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. संस्था के सदस्य और पदाधिकारी भी इस समारोह का हिस्सा बने और संस्था के योगदान पर प्रकाश डाला.
गीता थिएटर का 7 साल का सफर
गीता थिएटर के अध्यक्ष ने इस अवसर पर बताया कि संस्था को आज सात साल पूरे हो गए हैं. इन सात वर्षों में गीता थिएटर ने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कला के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का काम लगातार किया. लॉकडाउन के दौरान कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाया गया था. इसके अलावा, राज्य की प्रमुख उद्योग कंपनियों जैसे टाटा स्टील, क्रॉस लिमिटेड और रुंगटा माइन्स के सहयोग से सड़क सुरक्षा और कंपनी नियमों पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए.
समाज में बदलाव लाने का उद्देश्य
गीता थिएटर की अध्यक्ष गीता कुमारी ने इस अवसर पर कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य जमशेदपुर शहर में कलात्मक परिवर्तन लाना है. वह शहर के युवाओं को रंगमंच कला का महत्व समझाना और शहर के रंगमंच को मजबूती प्रदान करना चाहती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि रंगमंच केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक सशक्त माध्यम भी है.
सात साल की सफलता का उत्सव
सात साल पूरे होने के उपलक्ष्य में गीता थिएटर ने एक शानदार उत्सव मनाया. इस मौके पर केक काटकर संस्था के सफलता के सफर को सेलिब्रेट किया गया. संस्थान के सदस्य को सम्मान पत्र देकर उनके योगदान के लिए प्रोत्साहित किया गया और संस्था से जुड़े रहने के लिए उन्हें उत्साहित किया गया.
संस्था का सामाजिक योगदान
संगठन ने स्लम बस्तियों के युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान किए. इस प्रयास से न केवल युवाओं को नशे से मुक्ति मिली, बल्कि उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी आया.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।