
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटानगर रेल सिविल डिफेंस के तत्वावधान में मंगलवार को सदर अस्पताल, खास महल परिसर में एक विशेष अग्निशमन प्रशिक्षण एवं मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का उद्देश्य अस्पताल कर्मियों को आपदा के समय आग से सुरक्षा एवं बचाव के व्यवहारिक ज्ञान से लैस करना था।
प्रशिक्षण की शुरुआत रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने की, जिन्होंने बताया कि अस्पताल में अग्निकांड जैसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए दो प्रकार के अग्निशमन संयंत्र – कार्बन डाईऑक्साइड (CO₂) संयंत्र और ड्राई केमिकल पाउडर (DCP) संयंत्र रखे गए हैं। उन्होंने समझाया कि कार्बन डाईऑक्साइड संयंत्र का उपयोग एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई एवं कंप्यूटर जैसी विद्युत-आधारित मशीनों में आग लगने की स्थिति में करना चाहिए, जबकि DCP संयंत्र का प्रयोग कार्यालय परिसर एवं अन्य सामान्य क्षेत्रों में किया जाना उपयुक्त है।
संतोष कुमार ने बताया कि दोनों उपकरणों के प्रयोग में सावधानी बेहद आवश्यक है। CO₂ संयंत्र का प्रयोग करते समय बंद कमरे में अधिक समय तक उपयोग न करना चाहिए, वहीं DCP से निकलने वाले पाउडर के सांस में जाने से स्वास्थ्य पर असर हो सकता है। इसके बावजूद, ये संयंत्र त्वरित और प्रभावशाली अग्निशमन समाधान उपलब्ध कराते हैं।
डेमोस्ट्रेटर शंकर प्रसाद द्वारा दोनों प्रकार के संयंत्रों का लाइव डेमो दिया गया, जिसमें आग बुझाने की संपूर्ण विधियों को व्यवहारिक रूप में दर्शाया गया। इसके साथ ही उन्होंने घरेलू गैस सिलेंडर लीकेज के दौरान लगने वाली आग से बचाव एवं नियंत्रण के उपाय भी विस्तार से बताए।
आपात चिकित्सा प्रशिक्षण के अंतर्गत डेमोस्ट्रेटर अनामिका मंडल ने जले हुए अंग, कटने-फटने, चोट लगने जैसी आपात स्थिति में प्राथमिक चिकित्सा एवं बैंडेज तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने प्रतिभागियों को घाव की सफाई, रक्तस्राव रोकने एवं सुरक्षित पट्टी बांधने के तरीकों का व्यवहारिक अभ्यास कराया।
कार्यक्रम में रेल सिविल डिफेंस टीम के सदस्यों में गुलशन कुमार, पी. हरी बाबू समेत अन्य प्रशिक्षकों की सक्रिय भूमिका रही। सदर अस्पताल की ओर से चिकित्सक डॉ. विमलेश कुमार, क्वालिटी मैनेजर प्रेमा मरांडी, आईसीयू प्रभारी राखी प्रीतम, कैंटीन प्रबंधक रिंकू देवी, चिकित्सा कर्मी तुराम अहमद, कुसुम कुमारी, नर्सिंग स्टाफ, तकनीशियन, कैंटीन कर्मी और सफाई कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों ने बताया कि इस प्रकार की कार्यशालाएं न केवल अग्नि दुर्घटनाओं में उनकी तत्परता बढ़ाती हैं, बल्कि आत्मविश्वास और सुरक्षा के प्रति सजगता भी विकसित करती हैं।
अस्पताल प्रबंधन ने रेल सिविल डिफेंस के इस प्रयास की सराहना की और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की मांग की। इससे अस्पताल में आपदा प्रबंधन तंत्र को और भी मजबूत करने में मदद मिलेगी।
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