उदित वाणी, जमशेदपुर : दीपावली हरेक के लिए खुशियों की सौगात लेकर आता है. इस दीपावली भी लोग कोविड के खतरों से उबर कर अब चैन से खुशियां बांटते हुए दीपावली मना रहे हैं. ऐसे समय में शहर के गणमान्य जनों ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए बताया कि उनकी दीपावली कैसे मनती है.
बन्ना गुप्ता अपने परिजनों के साथ मनाएंगे दीपावली का त्योहार
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता हमेशा की तरह दीपावली का त्योहार अपने परिजनों के साथ मनाएंगे. बन्ना गुप्ता बताते है दीपावली में हम सभी परिवार के सदस्य एक साथ दीपोत्सव मनाते हैं. उन्होनें कहा कि दीपावली से ठीक पहले सैरात दुकानों और होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी को वापस लेने से दीपावली की खुशियां दोगुनी हो गई है. लोगों के चेहरें में खुशी देखना ही हमारे ले लिए सही मायने में दीपावली की सबसे बड़ी खुशी हैं.
हरेक दीपावली यादगार, खुशियां बांटने की रही है चाहत : मंगल कालिंदी
विधायक मंगल कालिंदी ने बताया कि उनके लिए हरेक दीपावली यादगार रही है. वह इसलिए क्योंकि वे जनता के बीच रह कर ही दीपावली मनाते हैं. ऐसे में जरुरतमंदों की सेवा के साथ साथ हरेक घर तक खुशियां पहुंचाने की चाहत हर साल खुशियों को दोगुना कर देती है. उन्होंने बताया कि जब से विधायक बने हैं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक दीपावली की खुशियां बांटने का प्रयास कर रह हैं. पिछले दो वर्ष कोरोना में निकल गए सो इस वर्ष दिल खोल कर लोगों तक खुशियां पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.
दीपावली उल्लास व उमंग के साथ जीवन को रोशन करने का अवसर होता है. इसमें अपने साथ दूसरों को भी खुशियों में शामिल कर खुशी को दुगना किया जा सकता है. जरूरतमंदों के खुशियों के रोशनी में शामिल करना दिवाली की खुशियां बढ़ा देती है. ये अवसर अंधकार को हराकर सकारात्मकता की रोशनी फैलाने का होता है. हमें संकल्प लेना चाहिए कि इस अवसर पर हम शिक्षा के के उजियारे को वहां तक पहुंचाएं जहां यह अबतक नहीं पहुंच पाया है. दिवाली हमें सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है. इस सकारात्मकता को दूसरों तक पहुंचाने की जरूरत है. शहर के लोग खुशियों से भरा और सुरक्षित दिवाली मनाएं यही शुभकामना है.
– प्रो. डॉ अंजिला गुप्ता,
कुलपति, जमशेदपुर विमेंस यूनिवर्सिटी
27 वर्षों से जनता के साथ मना रहे दीपावली, यही निरंतरता: पंकज
जिला परिषद के उपाध्यक्ष पंकज सिन्हा बताते हैं कि बचपन की यादों को छोड़ उन्हें याद नहीं कि कब उन्होंने अकेले दीपावली मनायी. उन्होंने बताया कि पिछले 27 वर्षों के राजनैतिक सामाजिक जीवन में जनता के बीच रहकर ही दीपावली मनायी और यह निरंतरता जिला परिषद सदस्य और उपाध्यक्ष बनने के बाद और बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि परिवार के साथ दीपावली मनाने का मौका कम ही मिलता है क्योंकि लोगों की अपेक्षाएं और उम्मीदों से समझौता करना एक सामाजिक राजनैतिक इंसान के लिए बेहद कठिन है. ऐसे में चाहत यही है कि आगे भी यह दौर चलता रहे और दीपावली ही नहीं हर मौके पर आम जनमानस के जीवन में खुशियां बांटते रहे.
मां के निधन से नहीं मना रहे दीपावली लेकिन बच्चों संग दीवाली यादगार : मोहन कर्मकार
जिला 20 सूत्रीय के उपाध्यक्ष व झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मोहन कर्मकार ने बताया कि इस वर्ष मां के निधन की वजह से दीपावली उनका परिवार नहीं मना रहा है लेकिन हरेक को दीपावली की शुभकमानाएं जरूर दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे जब छोटे थे तब उनके साथ मनायी गई दीपावली उनके लिए सबसे यादगार थी. खुद के हाथ से पटाखे, आतिशबाजी, फुलझडिय़ां जलाकर बच्चों के साथ खुशियां मनाना भूले नहीं भूलता है. उन्होंने बताया कि राजनैतिक सामाजिक जीवन व झारखंड आंदोलन के दौर में परिवार के लिए वक्त नहीं मिलता है लेकिन दीपावली बच्चों के लिए समय निकालने का मौका दे देता था.
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