नोएल टाटा ने शहरवासियों की मेहमानबाजी को किया सलाम, कहा आपके सहयोग से हम महामारी को भी पार कर गये
लोकल से लेकर ग्लोबल समस्याओं पर बोले, जानिए वह पांच बातें, जिसे उन्होंने कहा
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट नोएल नवल टाटा संस्थापक दिवस समारोह पर दिल खोलकर बोले. उन्होंने अपने बचपन की यादों में बसे जमशेदपुर से लेकर आज के जमशेदपुर के बारे में भी बात की.
उन्होंने शहरवासियों को धन्यवाद दिया कि उनके सहयोग से हम कोरोना जैसी महामारी को पार कर गये. इसके लिए टाटा ने टाटा समूह के हॉस्पिटलों के डॉक्टरों और नर्स के साथ टाटा स्टील के कर्मचारियों और शहरवासियों को भी श्रेय दिया. पोस्टल पार्क बिष्टुपुर में आयोजित संस्थापक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने शहरवासियों की गर्मजोशी और मेहमानबाजी के लिए भी शुक्रिया कहा.
इसके पहले नोएल टाटा ने टाटा स्टील वर्क्स के अंदर आयोजित संस्थापक दिवस समारोह में संस्थापक को श्रद्धांजलि दी. मौके पर टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक टीवी नरेन्द्रन, श्रीमती रूचि नरेन्द्रन, श्रीमती डेजी इरानी, डॉ.टी मुखर्जी, शुभ्रा मुखर्जी, विभिन्न कंपनियों के प्रमुख और यूनियन के पदाधिकारी मौजूद थे.
जानिए वह पांच बातें, जो नोएल टाटा ने कही
# दिल में बसता है जमशेदपुर
नोएल टाटा ने कहा कि आज भी संस्थापक दिवस समारोह उनके दिल में बसता है. वे बचपन में अकसर क्रिसमस या नये साल की छुटि्टयों में जमशेदपुर आते थे, जब रतन टाटा, टाटा स्टील में काम करते थे.
पोस्टल पार्क में आयोजित संस्थापक दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जमशेदपुर उनके लिए इन्सपीरेशनल शहर रहा है. यह शहर यहां के समुदाय और लोगों के सहयोग का जीता जागता नमूना है. जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा था, केन्द्र और राज्य सरकार के साथ जिला प्रशासन के सहयोग से टाटा समूह के अस्पतालों ने बेहतरीन काम किया.
वह काम जमशेदपुर में भी दिखा. यह इसलिए हो पाया क्योंकि शहर के लोगों और समुदायों का पूरा समर्थन मिला.
# टिनप्लेट कंपनी में निवेश
उन्होंने कहा कि टाटा स्टील आज भी दुनिया में सबसे लो कॉस्ट स्टील प्रोड्यूसर है. बाहरी कारकों के बावजूद महामारी काल में टाटा स्टील ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. विशेष रूप से टाटा स्टील के इंडियन ऑपरेशन्स शानदार रहा है.
हमने अपनी रणनीति के साथ ही सप्लाई चेन मैनेजमेंट पर बहुत काम किया है. हम सस्टेनेबिलिटी के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहे हैं. टाटा स्टील के अंगुल प्लांट ने अपनी समय सीमा के तहत काम करना शुरू कर दिया है. नीलांचल के अलावा हम अपने डाउन स्ट्रीम बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं. इसके तहत हम जमशेदपुर में टिनप्लेट की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने जा रहे हैं.
# 25 फीसदी मैनपावर महिलाएं-ट्रांसजेंडर की
नोएल टाटा ने कहा कि 2025 तक टाटा स्टील का 25 फीसदी मैनपावर में महिलाएं और ट्रांसजेंडर शामिल होंगी. यह यात्रा चल रही है और हमें पूरा विश्वास है कि 2025 तक हमारे कुल मैनपावर का 25 फीसदी कार्यबल महिलाएं और ट्रांसजेंडर होंगे. इसको लेकर कंपनी में सेंसेबिलिटी फैलायी जा रह है ताकि परम्परागत तरीके से काम करने की सोच में बदलाव आ सके.
#जमशेदपुर को गार्बेज फ्री शहर बनाया
उन्होंने कहा कि हम एक बेहतर भविष्य के लिए जमशेदपुर को ऐसा शहर बना रहे हैं जो क्वालिटी ऑफ लाइफ के मानक के मामले में देश के दूसरे शहरों से बेहतर हो. पिछले 12 माह में हमने जमशेदपुर में कई नये काम किए हैं.
इसका असर भी दिखा है और जमशेदपुर स्वच्छता सर्वेक्षण में झारखंड में पहले स्थान पर रहा है. यही नहीं शहर को गार्बेज फ्री सिटी में थ्री रेटिंग मिली है. हमने शहर की ढ़ाचागत संरचना के साथ ही कई नये पार्क बनाये हैं, ताकि शहर के लोगों का कुदरत से कनेक्शन बना रहे. नेचर ट्रेल, चिल्ड्रेन पार्क, बायो डायवर्सिटी पार्क समेत बिरसा मुंडा की प्रतिमा को भी हमने स्थापित किया है.
साढ़े चार किलोमीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरण किया है ताकि ट्रॉफिक का फ्लो आसानी से हो सके. उन्होंने शहर के लोगों को मेहमानबाजी के लिए धन्यवाद दिया.
# 2045 तक कार्बन न्यूट्रल का लक्ष्य
नोएल टाटा ने कहा कि टाटा स्टील ने कार्बन न्यूट्रल वर्ल्ड बनाने में अपनी भूमिका तेज की है. हमारा लक्ष्य 2045 तक टाटा स्टील को कार्बन न्यूट्रल बनाना है. हमारी यह जर्नी आसान नहीं है लेकिन हम इन 25 सालों में टाटा स्टील को जीरो कार्बन इमिशन कंपनी बनाएंगे. 2022 से हमने सस्टेनेबिलिटी को अपने बिजनेस की यूएसपी बनाया है.
दुनिया भर की कंपनियों में टाटा स्टील की सस्टेनेबिलिटी पहल को सराहा गया है. 128 कंपनियों में हम नौंवे स्थान पर रहे हैं. दुनिया की हालिया भौगोलिक और राजनीतिक (जियो पोलिटिकल) स्थिति ने इनर्जी क्राइसिस और क्लाइमेंट चेंज को बड़ा मुद्दा बना दिया.
जब पूरी दुनिया इनर्जी क्राइसिस से लेकर क्लाइमेंट चेंज की चुनौतियों से गुजर रही है, वैसे में भारत अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था (फास्टेस्ट इकोनोमी) है. इसकी वजह यह है कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया पर कम, अपने घरेलू मांग पर ज्यादा निर्भर करती है.
यूक्रेन-रूस युद्ध और ताईवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच की तनातनी का असर दुनिया पर बहुत ज्यादा दिखा, लेकिन हम इससे कम प्रभावित हो पाए.
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