उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम (टीईईपी) ने बिष्टुपुर स्थित शावक नानावटी तकनीकी संस्थान (एसएनटीआई) में जमशेदपुर के स्कूल प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के लिए उद्यमिता पर एक कार्यशाला का आयोजन किया.
इस सत्र में 26 स्कूलों के 31 प्रतिभागियों ने भाग लिया. घाटशिला के 2 स्कूल भी इस कार्यक्रम का हिस्सा थे. इस प्रोग्राम के
फैकल्टी और डायरेक्टर प्रोफेसर सुनील कुमार सारंगी ने प्रतिभागियों को उद्यमिता की मूल बातें और इसमें क्या शामिल है, पर मार्गदर्शन किया. टाटा स्टील के चीफ टीक्यूएम डॉ. पंकज कुमार ने फैकल्टी का स्वागत किया और सराहना की कि उद्यमिता जैसी विभिन्न अवधारणाओं पर मार्गदर्शन और सलाह अब समय की जरूरत बन गई है.
उन्होंने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि उद्यमिता समाज में समस्या-समाधान, नवाचार और रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए एक लंबा रास्ता तय करेगी. स्कूलों उद्यमिता की नींव डालने और उसकी विचारधारा की शुरुआत करने के लिए सबसे अच्छे स्थान हैं.
उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और बेरोजगारी के साथ, उद्यमिता उस समय की आवश्यकता है जहां व्यक्तियों को अपने व्यक्तिगत प्रयासों के माध्यम से समस्या-समाधान, नवाचार और अपनी आय उत्पन्न करने के लिए सशक्त बनाया जाता है.
क्या है यह प्रोग्राम
2003 में शुरू किया गया टाटा एजुकेशन एक्सीलेंस प्रोग्राम (टीईईपी), स्कूलों को एक कैलिब्रेटेड दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम बनाता है.
यह कार्यक्रम निजी, सरकारी, अर्ध-सरकारी, शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण स्कूलों में चलाया जाता है. स्कूल स्वेच्छा से इस कार्यक्रम में भाग लेते हैं जिसमें एक साल तक उन्हें अपना मूल्यांकन करना होता है और फिर इन भाग लेने वाले स्कूलों का मूल्यांकन शिक्षा उत्कृष्टता परिपक्वता पर किया जाता है.
कार्यक्रम की रूपरेखा प्रसिद्ध मैल्कम बाल्ड्रिज प्रदर्शन उत्कृष्टता मानदंड से अनुकूलित है. वर्तमान में यह कार्यक्रम जमशेदपुर के आसपास के विद्यालयों में चलाया जा रहा है.
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