उदित वाणी, रांची: संसदीय संकुल विकास परियोजना के तहत आदिवासी समुदायों में आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने व उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कौशल विकास व उद्यमशीलता मंत्रालय [एमएसडीई] ने ग्रामीण उद्यमी योजना के दूसरे चरण में प्रमाण पत्र वितरण समारोह आयोजित करके 165 छात्रों को सम्मानित किया गया.
इस कार्यक्रम में कौशल विकास व उद्यमशीलता राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर, राज्यपाल रमेश बैस, एनएसडीसी के चीफ़ ऑपरेटिंग ऑफ़िसर वेद मणि तिवारी, भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष समेत प्रदेश भाजपा के बाबूलाल मरांडी, समीर उरावं, दीपक प्रकाश, पार्टी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री नागेन्द्र व अन्य मौजूद थे.
इस योजना के तहत उम्मीदवारों को इलेक्ट्रीशियन और सोलर पीवी इंस्टॉलेशन टेक्नीशियन, टू-व्हीलर रिपेयर एंड मेंटेनेंस मैकेनिक्स, आईटी- आईटीईएस जैसे ईगवर्नेंस अधिकारियों और ऑर्गेनिक फार्मिंग व मशरूम ग्रोअर जैसे जॉब रोलेस में प्रशिक्षित किया जा रहा है.
प्रमाण पत्र वितरण समारोह को संबोधित करते हुए एमएसडीई राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह योजना कौशल समृद्धि का पासपोर्ट है और इसका एक उद्देश्य स्थानीय ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करना तथा पलायन को सीमित करना है.
प्रधानमंत्री ने पहले ही स्किलिंग व मल्टी स्किलिंग के महत्व को बार-बार दोहराया है. इस तरह की योजनाओं से आदिवासी समुदाय को अपना व्यवसाय शुरू करने और खुद के साथ-साथ दूसरों के लिए आजीविका के अधिक अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी.
भारत सरकार ने देश के आदिवासी समुदाय के दो करोड़ से अधिक युवाओं को कुशल बनाया है और कई लोगों को स्वरोजगार का अवसर दिया है. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा देते हुए आदिवासी युवाओं के बीच कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए रांची में ग्रामीण उद्यमी परियोजना शुरू की गई है.
ग्राम संसदीय संकुल परियोजना का लक्ष्य आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ई-हेल्थ कार्ड के साथ 77 हजार युवाओं और उनके परिवारों को लक्षित करना है.
गांधीजी ने युवाओं को व्यवसायिक प्रशिक्षण देने पर जोर दिया था ताकि वे आत्मनिर्भर सके और भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करे. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री बी एल संतोष ने कहा कि इस के तहत दिया जा रहा प्रशिक्षण जनजातीय युवाओं को ग्रामीण उद्यमी बनाएगा.
उन्होंने कहा कि झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और मध्य प्रदेश के जनजातीय युवा 6 उद्यमशीलता का प्रशिक्षण लेकर अपने अपने घर के पास रोजगार के अवसर प्राप्त करेंगे.
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