उदित वाणी, जमशेदपुर: लोयोला स्कूल, टेल्को में कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक सशक्तिकरण पर एक प्रेरक और जागरूकता आधारित सत्र आयोजित किया गया. इस सत्र का मुख्य उद्देश्य किशोरों को मानसिक दबाव और भावनात्मक चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक सोच और व्यवहारिक रणनीतियों से लैस करना था.
विशेषज्ञों की सहभागिता से गहराई तक पहुँचा संवाद
सत्र का संचालन किया डॉ. पूजा मोहंती और बर्खा गैब्री ने. डॉ. मोहंती, जो एक्सएलआरआई, जमशेदपुर की प्रमुख क्लिनिकल साइकोथेरेपिस्ट हैं और निमहांस, बेंगलुरु की पूर्व छात्रा रह चुकी हैं, ने माइंडफुलनेस-बेस्ड कॉग्निटिव थेरेपी में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से विशेषज्ञता प्राप्त की है. उन्होंने आत्महत्या की प्रवृत्ति, शैक्षणिक तनाव, और किशोर मानसिक स्वास्थ्य के पहलुओं पर गहन विचार साझा किए. उनके वक्तव्य में करुणा, भावनात्मक जागरूकता और आंतरिक शक्ति के विकास पर विशेष बल रहा.बर्खा गैब्री, जो तनाव प्रबंधन, अवसाद, नशा मुक्ति और किशोर व्यवहार के क्षेत्र में अनुभवी हैं, ने छात्रों के लिए व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत किए. उन्होंने एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए समावेशिता, सहानुभूति और एक सुरक्षित शैक्षणिक वातावरण की आवश्यकता पर भी विचार रखे.
संवेदनशीलता और संवाद से भरा आत्मचिंतनकारी सत्र
इस संवादात्मक सत्र में छात्रों को आत्मचिंतन, भावनात्मक समझ और दैनिक जीवन में मानसिक स्थिरता बनाए रखने के अनेक उपायों से अवगत कराया गया. यह अनुभव न केवल एक शैक्षणिक गतिविधि था, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सार्थक पहल भी थी.
समन्वयकों और प्रबंधन की भूमिका रही अहम
कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय की समन्वयक रेशमा रोड्रिग्स और ज़िन्नत मारिया सुंडी की सक्रिय भागीदारी रही. विद्यालय की प्राचार्या चरणजीत ओसन और प्रबंधन फादर जेरी ने दोनों विशेषज्ञों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस तरह के सत्र छात्रों को जागरूक, जिम्मेदार और संवेदनशील नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं.
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