उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में 20970 छात्रों का रूअर अभियान के तहत फिर से स्कूलों में नामांकन कराया गया है. जबकि अब भी 1802 बच्चे नहीं मिल सके हैं. वे अब भी स्कूल में दोबारा नहीं लाए जा सके हैं। इस तरह पूरे सूबे में ड्रॉप आउट और आउट ऑफ स्कूल छात्र-छात्राएं समेत कुल 3.87 लाख छात्र-छात्राओं का सरकारी स्कूलों में नामांकन हो गया है. वहीं, 19 हजार छात्र-छात्राएं अभी भी स्कूलों से ड्रॉप आउट हैं, जिनका नामांकन नहीं हो सका है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ओर से चलाए गए रूअर अभियान में यह सफलता मिली है. संताली शब्द रूअर का शाब्दिक अर्थ लौटना होता है. अब यह अभियान खत्म हो गया और भविष्य में इसके आंकड़ों में बढ़ोतरी की संभावना है. झारखंड में 2021-22 में करीब छह लाख बच्चों ने अलगी क्लास में नामांकन नहीं लिया था. पूर्वी सिंहभूम, रांची, लातेहार, सरायकेला खरसावां जिले इसमें अव्वल रहे हैं, जहां 80 फीसदी से अधिक छात्र-छात्राओं का नामांकन हुआ है. वहीं, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग जिले फिसड्डी रहे हैं. इन जिलों में 41 फीसदी से कम नामांकन हुआ है. 2021-22 और 2022-23 में अभी भी 19,037 बच्चे ऐसे हैं जो पूर्व में ड्रॉप आउट थे, लेकिन अभी उनका नामांकन नहीं हो सका और न ही प्रबंध पोर्टल पर उनका नाम अपलोड हो सका है. स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने पांच अप्रैल से बैक टू स्कूल कैंपेन की शुरुआत की थी. इसमें ड्रॉप आउट और आउट ऑफ स्कूल बच्चों का स्कूलों में नामांकन सुनिश्चित करना था. जिला और स्कूलों के पास ऐसे बच्चों की सूची भी थी जो स्कूल में थे, लेकिन किसी न किसी कारण से उनकी पढ़ाई छूट गई थी. ऐसे में बिच्चों के घर जाकर उन्हें फिर से स्कूली शिक्षा से जोड़ने की कोशिश करनी थी.
शैक्षणिक सत्र शुरू होने के बाद फिर से होगा विद्यार्थियों का नामांकन
राज्य के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र एक माह कम की गई है. इस साल एक जुलाई से शैक्षणिक सत्र शुरू होगा, 31 मई 2023 तक चलेगा. ऐसे में दूसरी से लेकर 12 क्लास में नामांकन की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की गई है. स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं का मूल्यांकन में सफल होने के बाद अलगी क्लास में प्रमोट किया जाएगा.
जिलावार छात्र-छात्राओं का नामांकन
पूर्वी सिंहभूम 20,970
रांची 56,067
लातेहार 23111
सरायकेला खरसावां 9100
रामगढ़ 12386
खूंटी 13,194
पाकुड़ 25,380
धनबाद 27161
गुमला 11838
चतरा 15266
सिमडेगा 2059
कोडरमा 7691
गढ़वा 18,431
पश्चिमी सिंहभूम 16334
बोकारो 13105
देवघर 17634
पलामू 26968
लोहरदगा 4254
साहिबगंज 14269
जामताड़ा 8259
हजारीबाग 10923
गोड्डा 10940
गिरिडीह 17327
दुमका 5241
जिलों में अभी भी हैं ड्रॉप आउट बच्चे
पूर्वी सिंहभूम 1802
रांची 5196
लातेहार 1845
सरायकेला 575
रामगढ़ 1956
खूंटी 1321
पाकुड़ 3843
धनबाद 3468
गुमला 1460
चतरा 5815
सिमडेगा 409
कोडरमा 2067
गढ़वा 2811
प सिंहभूम 977
बोकारो 1792
देवघर 869
पलामू 3549
लोहरदगा 351
साहिबगंज 1306
जामताड़ा 289
हजारीबाग 1103
गोड्डा 1061
गिरिडीह 1504
दुमका 463
अब एमडीएम में बच्चों को मिलेगी सहजन की सब्जी
सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राएं अब मध्याह्न भोजन में सहजन (सुट्टी/ड्रमस्टिक) की सब्जी खाएंगे. झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (जेसीईआरटी) ने स्कूल परिसर विकास योजना के तहत स्कूल किचेन गार्डन में सहजन का पौधा लगाने का निर्देश दिया है. जेसीईआरटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
सभी डीईओ व डीएसई को जारी पत्र में कहा है कि उक्त निर्देश का पालन किया जाए एवं की गई कार्यवाही से कार्यालय को अवगत कराएं. जानकारों का कहना है कि सहजन से कई फायदे हैं. स्कूली छात्र-छात्राओं में एनीमिया को दूर करते हैं. सहजन का इस्तेमाल सब्जी बना कर या उबालकर खाने में है. इसे पानी में अच्छी तरह से उबाल कर उस पानी को पीना भी फायदेमंद रहता है. इसमें कई तरह के मल्टीविटामिन, एंटी ऑक्सीडेंट का गुण हैं. इसे कैल्सियम, मैग्नीसियम व फास्फोरस का अच्छा स्रोत जाता है. जिले के स्कूलों में जल्द पौधा लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी. आने वाले समय में सहजन का लाभ छात्र-छात्राओं को मिलेगा.
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