उदित वाणी, जमशेदपुर: राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर ने ईयन्तरम वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, विशाखपट्टनम के साथ एक ऐतिहासिक करार किया है. इस समझौते के तहत एनएमएल की तकनीक से ई-वेस्ट रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा, जो खराब प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी) की प्रोसेसिंग कर कीमती धातुएं जैसे कॉपर, अल्यूमीनियम, गोल्ड आदि का निष्कर्षण करेगा.
“ज़ीरो वेस्ट” कंसेप्ट पर ध्यान
यह समझौता एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे पर्यावरण पर दबाव कम होगा और असंगठित क्षेत्र को संगठित किया जा सकेगा. इसके परिणामस्वरूप कचड़े के निस्तारण की प्रक्रिया में सुधार होगा, बेरोजगारी घटेगी और नगर निकाय भी इस तकनीक का लाभ उठा सकेंगे. इस तकनीक का उद्देश्य पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखना और नए रोजगार सृजन करना है.
तकनीकी हस्तांतरण से मिलेगा बढ़ावा
इस कार्यक्रम के दौरान एनएमएल, जमशेदपुर के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने इस करार को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह साझेदारी देश में ई-वेस्ट के कुशल निष्पादन की दिशा में अहम कदम है. एनएमएल की तकनीकी सहायता से अब भारत में भी विकसित देशों की तरह ई-वेस्ट का कुशल तरीके से निष्पादन किया जाएगा. यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी होगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी.
ई-कचरा रिसाइक्लिंग: एक नई दिशा
ईयन्तरम वेस्ट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड, विशाखपट्टनम के निदेशक आशीष लोहिया ने इस साझेदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “ई-कचरा रिसाइक्लिंग से प्रदूषण मुक्त समाज बनाने के साथ-साथ हम प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण कर सकते हैं, जिससे आने वाली पीढ़ी को फायदा मिलेगा.”
बेरोजगारी की समस्या का समाधान
परियोजना प्रमुख डॉ. मनीष कुमार झा ने कहा, “यह करार भारत सरकार के स्वच्छता मिशन से मेल खाता है. एनएमएल की तकनीक से न केवल पर्यावरण की सफाई होगी, बल्कि बेरोजगार युवकों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.”
भविष्य की संभावनाएँ
सीएसआईआर-एनएमएल द्वारा तकनीकी हस्तांतरण की प्रक्रिया से इस करार का महत्व और बढ़ जाता है. यदि ई-वेस्ट की मात्रा इसी गति से बढ़ती रही, तो यह सुनिश्चित करना होगा कि इसका निष्पादन पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।