उदित वाणी, जमशेदपुर: सांस्कृतिक कार्य निदेशालय (पर्यटन, कला, संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार) एवं पथ पीपुल्स एसोसिएशन फॉर थियेटर के संयुक्त तत्वावधान में 21 दिवसीय निःशुल्क नाटक कार्यशाला का आयोजन जमशेदपुर में किया जा रहा है. इस कार्यशाला का उद्देश्य है—नई पीढ़ी में रंगमंच के प्रति उत्साह पैदा करना, नाट्यकला का व्यावहारिक प्रशिक्षण देना तथा भावी रंगकर्मियों को मंच की विविध प्रक्रियाओं से परिचित कराना.
“नाटक का मंचन और उसकी प्रक्रिया” पर व्यावहारिक सत्र
कार्यशाला के पाँचवें दिन का आयोजन अत्यंत शिक्षाप्रद एवं प्रेरणादायक रहा. इस दिन “नाटक का मंचन एवं उसकी प्रक्रिया” विषय पर विशेष सत्र हुआ, जिसमें प्रतिभागियों को नाटक के सभी प्रमुख चरणों—पठन-पाठन, पात्र चयन, रिहर्सल, मंच सज्जा, प्रकाश व्यवस्था, संवाद अदायगी और अंतिम प्रस्तुति—की बारीकियों से परिचित कराया गया.
शिवलाल सागर ने समझाया आत्मविश्वास और अभिनय की कला
जमशेदपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी शिवलाल सागर ने प्रतिभागियों को रंगमंच की सूक्ष्मताओं से अवगत कराया. उन्होंने मंच पर आत्मविश्वास, भाव-भंगिमा, दृश्यबोध तथा संवाद की प्रभावशाली प्रस्तुति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. उनका अनुभव प्रतिभागियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना.
“चित्र बोलते हैं” के माध्यम से व्यावहारिक प्रशिक्षण
कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक मोहम्मद निज़ाम ने दूसरे सत्र का नेतृत्व किया. रंगमंच के क्षेत्र में उनके व्यापक अनुभव का लाभ प्रतिभागियों को मिला. उन्होंने एक रचनात्मक खेल “चित्र बोलते हैं” का आयोजन किया, जिसमें सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. इस गतिविधि ने न केवल उनकी अभिव्यक्ति क्षमता को उजागर किया, बल्कि मंच के प्रति उनकी जिज्ञासा भी और बढ़ाई.
कला और संस्कृति को मिला नया जीवन
इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चों एवं युवाओं को रंगकला की सैद्धांतिक और व्यावहारिक समझ दी जा रही है, जिससे वे भविष्य में एक कुशल रंगकर्मी के रूप में विकसित हो सकें. यह पहल न केवल छिपी प्रतिभाओं को मंच प्रदान कर रही है, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम भी बन रही है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।