उदित वाणी, जमशेदपुर: अक्सर देखा जाता है कि लोग केस मुकदमे और गवाही से बचने के लिए सड़क दुर्घटना में घायल को अस्पताल पहुंचाने से डरते हैं. कारण कि पुलिस केस के चलते गवाही देनी पड़ेगी. केस के कारण कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ेंगे. लेकिन अब घबराने की आवश्यकता नहीं है. घायल आदमी को अस्पताल पहुंचाने पर अब आपको न तो गवाही देनी पड़ेगी और न ही अदालत का चक्कर ही काटना होगा. बल्कि घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले को सरकार सम्मान राशि देगी. जमशेदपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से एमजीएम अस्पताल के कान्फ्रेंस हाल में विधिक जागरुकता कार्यक्रम में गुड सेमेरिटन पॉलिसी ऑफ झारखंड और पीडि़त को मुआवजा विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई. जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी आदित्या और प्रशांत कुमार ने विस्तार से लोगों को जानकारी दी. बताया कि झारखंड में गुड सेमेरिटन पालिसी लागू है, जिसका उद्देश्य सड़क हादसे में घायल गोल्डन आवर (प्रथम 60 मिनट) में अस्पताल तक पहुंचाने वाले मददगारों को सम्मान के साथ आर्थिक लाभ देना है, जिससे घायलों की समय रहते जान बचाने में सफलता मिल सके.
सम्मान स्वरूप प्रोत्साहन राशि देने के साथ पुलिस द्वारा परेशान नहीं करने का प्रावधान किया गया है. यदि गवाह बनने के बाद वह व्यक्ति न्यायालय जाता है, तो हर सुनवाई पर उस व्यक्ति के एकाउंट में एक हजार रुपये मिलेंगे. दो व्यक्ति अगर किसी घायल को नजदीकी अस्पताल पहुंचाते हैं, तो दोनों को दो-दो हजार दिए जाएंगे. दो से अधिक लोग किसी घायल को अस्पताल पहुंचाते हैं, तो सरकार पांच हजार रुपये देगी, उक्त राशि सभी के बीच समान रूप से बांटी जायेगी.
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