- गुणवत्ता और पारदर्शिता पर जोर, डीएमएफटी योजनाओं की होगी कड़ी निगरानी
- खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिए पहल, पर्यावरण संरक्षण और आजीविका पर विशेष ध्यान
उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) न्यास परिषद की बैठक जिला उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में शुक्रवार को सिदगोड़ा टाउन हॉल में आयोजित की गई. बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत प्रत्येक जिले में डीएमएफटी कोष का उपयोग खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए किया जाता है.
जनवरी मध्य से फरवरी तक आयोजित विभिन्न ग्रामसभाओं से कुल 14,169 योजनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 9,675 योजनाओं का चयन प्राथमिकता के आधार पर किया गया है. चयनित योजनाओं में पेयजल आपूर्ति से संबंधित 1,206, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय संबंधी 3, स्वास्थ्य क्षेत्र से 300, शिक्षा से 1,367, महिला एवं बाल कल्याण से जुड़ी 60, कौशल विकास और आजीविका सृजन की 78, स्वच्छता से जुड़ी 866, कृषि क्षेत्र की 80, आधारभूत संरचना की 4,755, सिंचाई की 348, ऊर्जा एवं जलग्रहण विकास की 581 तथा अन्य 32 योजनाएं शामिल हैं. इनमें प्रत्यक्ष रूप से खनन प्रभावित क्षेत्र के लिए 8,438 और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित क्षेत्र के लिए 1,390 योजनाएं सम्मिलित हैं.
बैठक में सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक मंगल कालिंदी एवं समीर मोहंती, जमशेदपुर पूर्वी एवं पश्चिमी के विधायक प्रतिनिधि, मुखियागण, डीडीसी अनिकेत सचान, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, एनईपी निदेशक संतोष गर्ग व अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे. इस मौके पर जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने सभी मुखियागण से कहा कि डीएमएफटी से क्रियान्वित योजनाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत मॉनिटरिंग करें. ग्रामसभा के माध्यम से चयनित योजनाओं का दूरगामी परिणाम हो, इस उद्देश्य को ध्यान में रखें.
संवेदनशील होकर ग्रामसभा योजनाओं का चयन करें: उपायुक्त
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के पुनर्वास और सामाजिक-आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण आदि के लिए पारदर्शिता पूर्ण कार्य करने के लिए कृतसंकल्पित है. मुखियागण भी संवेदनशीलता से योजनाओं का चयन करें, जिससे ग्राम पंचायतों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.
स्वास्थ्य और शिक्षा की योजनाओं को चयन में प्राथमिकता दें: सांसद
सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि डीएमएफटी गाइडलाइन के अनुसार स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका संवर्धन की योजनाओं को चयन में प्राथमिकता दें ताकि लोगों के जीवन स्तर में सुधार आ सके. उन्होंने कहा कि चयनित योजनाओं का क्रियान्वयन पांच वर्षों में किया जाना है, और आपके माध्यम से चयनित योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
चयनित योजनाएँ:
पेयजल आपूर्ति से संबंधित 1,206,
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय संबंधी 3,
स्वास्थ्य क्षेत्र से 300,
शिक्षा से 1,367,
महिला एवं बाल कल्याण से जुड़ी 60,
कौशल विकास और आजीविका सृजन की 78,
स्वच्छता से जुड़ी 866, कृषि क्षेत्र की 80,
आधारभूत संरचना की 4,755, सिंचाई की 348,
ऊर्जा एवं जलग्रहण विकास की 581 तथा अन्य 32 योजनाएं
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