उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में जिला कौशल समिति की बैठक आयोजित की गई. इस बैठक की अध्यक्षता परियोजना निदेशक आईटीडीए दीपांकर चौधरी ने की. बैठक में मुख्य रूप से जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण देने और उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने पर चर्चा की गई.
सरकार की योजनाओं का उद्देश्य: आत्मनिर्भर बनाना
परियोजना निदेशक आईटीडीए ने बैठक में कहा कि सरकार की योजनाएं न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कौशल विकास योजना का मुख्य उद्देश्य जिले के बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना है.
कार्ययोजना और प्रशिक्षण का महत्व
आईटीडीए निदेशक ने बैठक में कहा कि जिले के युवाओं के हुनर और स्किल्स को ध्यान में रखते हुए एक कार्ययोजना तैयार की जाए. साथ ही, उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें. उन्होंने रोजगार मेला के माध्यम से युवाओं को नियोजित करने के लिए भी निर्देश दिए.
परियोजना निदेशक आईटीडीए ने कौशल विकास प्लान 2045-25 के निर्माण और उसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए दिशा-निर्देश दिए. इस योजना के तहत स्थानीय जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षण के नए सेक्टर और जॉब रोल का चयन करने पर विमर्श किया गया.
स्थानीय नियोजन और स्वरोजगार के अवसर
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि जिले में संचालित कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवक-युवतियों को स्थानीय नियोजन और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं. इसके साथ ही, ऑन जॉब ट्रेनिंग के विभिन्न पहलुओं पर भी विचार किया गया.
बैठक में कौशल विकास से जुड़े विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने और क्षेत्रीय चुनौतियों पर विचार किया गया. इस संदर्भ में नियोजन पदाधिकारी, ट्रेनिंग पार्टनर और अन्य संबंधित लोग उपस्थित थे.
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