उदित वाणी, जमशेदपुर: दीपोत्सव पर पटाखों के बजारों के सजने का दौर शुरु होने को है. हालांकि बस्तियों में यह बाजार सज भी चुकी है. प्रशासन के निर्देश पर खुले मैदान में पटाखों की दुकान सजाने के निर्देश के बाद कारोबारी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. हालांकि महंगाई की मार का असर इस बार पटाखा बजार में दिखना तय है.
कारोबारियों ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पटाखों की कीमतों में 40 प्रतिशत तक की बढोतरी होगी, बाजार में पांच रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक के पटाखे उपलब्ध हैं. बड़े-बड़े पटाखा संस्थानों के साथ ही शहर के विभिन्ना क्षेत्रों में अपनी दुकान के बाहर स्टाल लगाकर ही कारोबारी पटाखा बेच रहे हैं.
थोक दुकान से ही इस वर्ष पटाखों की कीमतों में बढोतरी हुई है. इसके चलते ही रिटेल में भी इसका असर पडऩा तय है. इस वर्ष बाजार में विदेशी पटाखे बिल्कुल नहीं हैं कारोबारियों द्वारा चाइनीज पटाखों को ना कर दिया है. बताया जा रहा है कि देसी पटाखे, बंदूक ही बाजार में उपलब्ध हैं. कारोबारियों का कहना है कि अभी से पटाखों की बिक्री बढ़ती जा रही है. इसे देखकर इस वर्ष कारोबार में बढ़ोतरी की उम्मीद है
कोरोना काल के दो साल बाद इस बार बाजार सामान्य होने पर पटाखों की कीमत में पिछले साल की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. जो पटाखे 20 रूपये में खरीदे गए थे उसे इस बार 25 से 30 रूपये की कीमत पर बेचा जा रहा है. पटाखा दुकानों में अभी से ही खरीदारों की भीड़ लगने लगी है.
वहीं ग्रामीण क्षेत्र के दुकानदार शहरी क्षेत्र स्थित पटाखों की होलसेल दुकानों पर पहुंच अपनी दुकान में बिक्री के लिए पटाखों की खरीदारी कर ले जा रहे हैं. दुकानदार भी इस बार अच्छी आमदनी को लेकर उत्साहित हैं.
किसकी क्या कीमत वर्तमान मूल्य पिछले वर्ष
बम 70 रुपये 40 रुपये
फुलझड़ी 30रु. 20 रुपये
सांप 10 रुपये 6 रुपये
राकेट 200 रुपये 150 रुपये
लाइट 160 रुपये 110 रुपये
अनार 200 रुपये 150 रुपये
चकरी 130 रुपये 130 रुपये
आतिशबाजी 800 रु. 600 रुपये
बाजार में आ गई बच्चों के लिए अनोखी खिलौना बंदूकें
एक वक्त था जब 5 रुपए की बंदूक और 50 पैसे की पटाखे की लड़ी आती थी. वो दौर अब बीत चुका है. बाजार में तीस रुपए से लेकर 150 रुपए तक के बंदूक मौजूद हैं. इनको इस्तेमाल करना भी आसान है और इनसे बच्चों को नुक्सान पहुंचने की गुंजाइश भी न के बराबर है. सबसे छोटी वाली बंदूक 20 रुपए की है. इसमें लगाने के लिए रील10 रुपए प्रति पैकेट मिल रहा है.
थोड़े से बड़े साइज का बंदूक तकनीकी रुप से बड़ी ही लाजवाब है. इसमें पटाखों का इस्तेमाल नहीं होता लेकिन यह आवाज जबरदस्त करती है. इसके अंदर आप एक बार में एक माचिस की तिल्ली डालें और फायर करें।
बाजार में यह बंदूक केवल 75 से 100 रुपए की है. बच्चों को पटकने वाले पटाखे या हम यूं कहें तो पॉप पटाखे बहुत पसंद होते हैं. यह पटाखा इतना साधारण है कि इसे आराम से घर की बालकनी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. बाजार में इसका पूरा एक डब्बा केवल 200 से 250 रुपए का है. एक डब्बे के अंदर करीब सैकड़ो पटाखे हैं.
माचिस बम का भी बच्चों में बनेगा ट्रेंड
पटाखा मेकर्स ने भी बीच का रास्ता निकाल लिया है. कुछ ऐसे तरीके निकाल लिए जो अच्छा विकल्प साबित हो रहे हैं. माचिस बम एक ऐसा ही अनोखा आविष्कार है. बाजार में इसकी कीमत 100 रुपये प्रति डब्बा है और एक डब्बे में 600 माचिस बम आ रहे हैं.
वहीं वंडर थ्रो नाम का पटाखा भी खूब धमाल मचा रहा है। इसके एक बॉक्स की कीमत 150 रुपए है. मैजिक पॉप्स के नाम से एक पटाखा आया है जिसे जलाने के बाद अलग-अलग किस्म का रंग निकलता है.
बाजार में आमतौर पर मिल रही यह बंदूक बैटरी पर चलती है. जब बच्चे इसका ट्रिगर दबाते हैं तो फायरिंग की आवाज के साथ रंगबिरंगी रौशनी निकलती है. यह रौशनी आपके बच्चों को रोमांच से भर देगी. यह बंदूक करीब 100 से तीन सौ रुपये मे मिल रही है.
पटाखे का गिफ्टपैक भी उपलब्ध
इस बार बाजार में अलग-अलग पटाखा कंपनियों द्वारा गिफ्ट पैक भी उपलब्ध कराया गया ह.ै जिसमें साउंड व लाइट वाले पटाखों की बिक्री बुके बनाकर की जा रही है. गिफ्ट पैक की कीमत एक हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक है जिसमें बच्चों से लेकर बड़ों के लिए पटाखे हैं. इन पटाखों की पैकिंग में क्यूआरकोड भी जारी किया है, ताकि ग्राहक खुद भी पहचान कर पाएं कि पटाखा इको फ्रेंडली है या नहीं.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।