
उदित वाणी, जमशेदपुर : बोड़ाम प्रखंड स्थित जिला परिषद भवन (डाक बंगला) में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने पहाड़िया, सबर और खड़िया समुदायों से मुलाकात कर उनकी आजीविका गतिविधियों और सरकारी योजनाओं के लाभ से जुड़ी स्थिति की समीक्षा की. यह संवाद विशेष रूप से वन धन विकास केंद्र के अंतर्गत शहद प्रोसेसिंग में लगे परिवारों की समस्याओं और संभावनाओं पर केंद्रित रहा.
शहद के माध्यम से आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रयास
उपायुक्त ने शहद उत्पादन में लगी महिलाओं से संवाद करते हुए कहा कि इनकी मेहनत को पहचान दिलाना हमारी प्राथमिकता है. उन्होंने यह स्पष्ट किया कि सिर्फ उत्पादन नहीं, बल्कि विपणन और बाजार से जुड़ाव ही इन प्रयासों को स्थायी बना सकते हैं. प्रशासन ऐसे स्थायी बाजारों की पहचान कर उन्हें इनसे जोड़ने पर काम कर रहा है.
पारंपरिक दक्षता को बनाए रखते हुए योजनागत सहयोग
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आदिवासी समुदायों की पारंपरिक दक्षताओं और संसाधनों के अनुरूप योजनाएं बनाई जाएं. साथ ही प्रशिक्षण, उपकरण, विपणन और संसाधनों में पूर्ण सहयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि इन क्षेत्रों की प्रति व्यक्ति आय में वास्तविक वृद्धि हो सके.
प्रशासनिक सहयोग और टीम वर्क
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, धालभूम की अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार, बीडीओ किकू महतो, सीओ रंजीत रंजन, जेएसएलपीएस के डीपीएम सुजीत बारी समेत कई पदाधिकारी उपस्थित रहे. सभी ने मिलकर क्षेत्रीय विकास और समावेशी नीति पर सामूहिक प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई.
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