उदित वाणी, जमशेदपुर: राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान की शुरुआत की है. यह अभियान टाटा वर्कर्स यूनियन हाई स्कूल, कदमा से उपायुक्त अनन्य मित्तल और एडीएम लॉ एंड ऑर्डर अनिकेत सचान द्वारा आरंभ किया गया. इस अवसर पर जिला के वरिष्ठ अधिकारियों ने बच्चों के बीच दवाइयों का सेवन किया और सभी से अपील की कि वे अपने नजदीकी बूथ पर जाकर या स्वास्थ्य विभाग की टीम से दवा प्राप्त करें.
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान का उद्देश्य और तारीखें
फाइलेरिया उन्मूलन अभियान 10 से 25 फरवरी तक पूरे जिले में चलाया जाएगा. यह अभियान बोड़ाम, पटमदा, पोटका, गोलमुरी, जुगसलाई और जमशेदपुर के शहरी क्षेत्र में विशेष रूप से चलाया जाएगा. इस दौरान, फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के तहत लोगों को दवा दी जाएगी.
अभियान में स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभागों का सहयोग
स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में यह अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसमें अन्य विभागों का भी सहयोग प्राप्त है. स्कूलों में मिड डे मील के बाद बच्चों को दवा दी जाएगी, और शिक्षा, पंचायती राज, समेकित बाल विकास, समाज कल्याण, आपूर्ति सहित अन्य विभाग स्वास्थ्य विभाग की टीम को समर्थन देंगे.
घर-घर जाकर दवा वितरण की प्रक्रिया
जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि 10 फरवरी को चिन्हित बूथों पर आम नागरिकों को दवा वितरित की जाएगी. वहीं, 11 से 25 फरवरी के बीच आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाएंगी. उन्होंने जिले के नागरिकों से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की.
फाइलेरिया के बारे में जागरूकता और दवाइयों का सेवन
इस अवसर पर बच्चों को संबोधित करते हुए मित्तल ने बताया कि फाइलेरिया मच्छर के काटने से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसे हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे खुद भी डीईसी और एल्बेंडाजोल की दवा का सेवन करें और अपने परिवार, मित्रों और पड़ोसियों को भी इस दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित करें.
दवा के सेवन की दिशा-निर्देश
यह दवा उम्र के हिसाब से दी जाती है, लेकिन गर्भवती महिलाओं, गंभीर रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों और 2 वर्ष से छोटे बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी. 10 फरवरी से सभी आंगनवाड़ी केंद्रों और विद्यालयों में बूथ स्थापित किए जाएंगे, जहां दवाइयों का वितरण किया जाएगा. इसके बाद, 11 फरवरी से आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा का वितरण करेंगी.
जनभागीदारी से सफल होगा अभियान
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया का समूल उन्मूलन है, और इसके लिए जन भागीदारी की आवश्यकता है. सभी से अपील की जाती है कि वे इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें और जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने में मदद करें.
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