उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) निर्मला कुमारी बरेलिया ने बुधवार को लोयोला स्कूल पहुंचकर शैक्षणिक अनुशासन का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण साकची के शारदामणि गर्ल्स हाई स्कूल की एक छात्रा के साथ हाल ही में हुई अप्रिय घटना के सिलसिले में था।
डीईओ ने लोयोला स्कूल के प्राचार्य फादर पायस फर्नांडिस, उप प्राचार्य फादर विनोद फर्नांडिस, उप प्राचार्या जयंती शेशद्री, स्कूल के प्रशासक फादर जेरी और स्कूल के अन्य शिक्षकों से बातचीत की।
उन्होंने निरीक्षण के दौरान अपनी बातों को खुलकर रखा और घटना पर चिंता व्यक्त की। डीईओ ने शिक्षकों से कहा कि हम सभी समाज के स्तंभ हैं, लेकिन अब हमारा समाज तेजी से बदल रहा है। तीन दशक पहले जो स्कूल और शिक्षा का परिदृश्य हुआ करता था, उसमें अब बहुत बड़ा बदलाव आया है। शारीरिक दंड अब कोई विकल्प नहीं है, चाहे कितनी भी उत्तेजना क्यों न हो।
उन्होंने शिक्षकों से कहा कि बच्चों के साथ व्यवहार में ईमानदारी बरतने की जरूरत है। शिक्षकों के रूप में हमें बच्चों में अनुशासन और मूल्यों को लागू करने की आवश्यकता है। हालांकि हमें उनके साथ व्यवहार करते समय अपने दिल के साथ-साथ अपने दिमाग का भी उपयोग करने की आवश्यकता है। सहानुभूति समय की मांग है। इस दौरान डीईओ इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब व नशामुक्ति अभियान चलाने पर जोर दिया।
शिक्षकों से वार्तालाप करते समय उन्होंने इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब के बारे में भी बताया जिसे सभी स्कूलों में शुरू किया जाना है। इस क्लब का उद्देश्य हमारे देश के नागरिकों के चुनावी अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। अधिक जानकारी जल्द ही स्कूलों के साथ साझा की जाएगी।
निर्मला बरेलिया ने एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे पर बात करते हुए- बच्चों में मादक पदार्थों की लत, उन्होंने शिक्षकों से इस मुद्दे की गंभीरता के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता ज़्यादा है । हमें बच्चों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। प्रधानाचार्य फादर पायस फर्नांडिस ने भी उन्हें आश्वासन दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे कि बच्चों के साथ दयालु और संवेदनशील तरीके से व्यवहार किया जाए।
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