उदित वाणी, जमशेदपुर: डी.बी.एम.एस. कॉलेज के सभागार में शनिवार को नैक (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की बाइनरी मान्यता प्रणाली विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. इस महत्वपूर्ण सत्र के मुख्य वक्ता थे – आई.क्यू.ए.सी. गाइड, भुवनेश्वर के प्रमुख दिलीप मंगराज. उन्होंने नैक के नये ढांचे और उसकी कार्यप्रणाली पर विस्तार से जानकारी दी.
अब नहीं मिलेंगे ग्रेड, सिर्फ मान्यता
दिलीप मंगराज ने स्पष्ट किया कि नैक अब किसी संस्था को ग्रेड प्रदान नहीं करेगा. इसके स्थान पर “मूल्यांकन और प्रत्यायन” के आधार पर शिक्षण संस्थानों को केवल मान्यता दी जाएगी. यह प्रणाली गुणवत्ता पर अधिक केंद्रित होगी और संस्था के समग्र योगदान को मापेगी.
महत्वपूर्ण बदलाव: अनुसंधान, ग्रामीण जुड़ाव और भारतीय ज्ञान परंपरा
नैक के क्राइटेरिया में बड़े बदलाव किए गए हैं. अब:
• प्रत्येक कॉलेज को प्रत्यायन कराना अनिवार्य कर दिया गया है.
• भारतीय ज्ञान परंपरा को क्राइटेरिया 1 में शामिल किया गया है और इसे अनिवार्य भी बनाया गया है.
• प्रकाशन और शोध को सभी संस्थाओं के लिए जरूरी किया गया है.
• संस्थानों को केवल अकादमिक नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सक्रिय होना होगा – जैसे कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य, स्वच्छता और मानसिक स्वास्थ्य पर कार्य करना.
छात्रों को स्टार्टअप और कौशल विकास की ओर प्रेरित करें
कार्यशाला में मंगराज ने कहा कि हर शिक्षण संस्थान को छात्रों के बीच नई सोच और नवाचार को बढ़ावा देना चाहिए. प्रत्येक सप्ताह विचार-विमर्श हो और छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने हेतु प्रेरित किया जाए. उन्होंने यह भी बताया कि नैक की नई प्रणाली में कौशल विकास को भी अहम स्थान दिया गया है.
द्वितीय सत्र में भाषाओं पर विशेष चर्चा
कार्यशाला के दूसरे सत्र में भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत भारतीय भाषाओं के संवर्धन के लिए चल रहे प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की गई. इस सत्र में कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के डॉ. मनोज कुमार, के.एम.पी.एम. वोकेशनल कॉलेज की प्राचार्या डॉ. मीता जखनवाल समेत कोल्हान के 15 कॉलेजों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
सवाल-जवाब के साथ हुआ संवाद
कार्यशाला में शिक्षकों ने मंगराज से कई प्रासंगिक प्रश्न पूछे जिनके उन्होंने सहजता से उत्तर दिए. श्रीनाथ कॉलेज की प्राचार्या डॉ. भव्य भूषण ने सत्र के समापन से पूर्व अपना फीडबैक साझा किया.
सम्मानित अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
इस अवसर पर डी.बी.एम.एस. कॉलेज के अध्यक्ष बी. चंद्रशेखर, सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन, सह-सचिव सुधा दिलीप, गवर्निंग बॉडी सचिव सतीश सिंह, प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता, उप-प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाएं और कर्मचारी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का स्वागत भाषण डॉ. मोनिका उप्पल ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कंचन कुमारी द्वारा प्रस्तुत किया गया.
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