उदित वाणी, जमशेदपुर: सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल) जमशेदपुर की प्लेटिनम जयंती के अवसर पर गुरुवार 30 जनवरी को कोलकाता में “संसाधनों के सतत उपयोग के लिए कोयला एवं खनिज लक्षण वर्णन में नवाचार ” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ. सम्मेलन का उद्देश्य शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के लीडरों और नीति निर्माताओं को साझा मंच प्रदान करना है ताकि ज्ञान साझाकरण, नवाचार और संसाधनों के सतत उपयोग हेतु सहयोगात्मक रूप से उन्हें बढ़ावा दिया जा सके. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनोज कुमार, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सीएमपीडीआई, रांची, डॉ. संदीप घोष चौधरी, निदेशक, सीएसआईआर-एनएमएल तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन गया. यह राष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन कोयला और खनिज लक्षण वर्णन, संसाधन अन्वेषण, विश्लेषणात्मक तकनीकों और टिकाऊ प्रथाओं में प्रौद्योगिकियों और पद्धतियों को आगे बढ़ाने पर केंद्रित है. इस दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर के 30 संस्थानों के 100 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं तथा छह सत्रों में 37 तकनीकी पेपर प्रस्तुत किए जाएंगे, जिनमें कोयला और खनिज अनुसंधान के अत्याधुनिक विषयों को शामिल किया जाएगा.
दीर्घकालीक साझेदारी पर जोर
मुख्य अतिथि मनोज कुमार, सीएमडी, सीएमपीडीआई ने सभा को संबोधित किया और संसाधन अन्वेषण और सतत विकास में सीएमपीडीआईएल की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने अनुसंधान संगठनों और उद्योगों के बीच सहयोगात्मक रूप से महत्वपूर्ण विषयों पर जोर दिया, जैसे कि सीएसआईआर-एनएमएल और सीएमपीडीआई के बीच दीर्घकालिक साझेदारी, जिसने कोयला लक्षण-निर्धारण और प्रमाणित संदर्भ सामग्री में प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. सम्मेलन में उद्योग जगत के लीडरों द्वारा दिए गए दो पूर्ण व्याख्यान सुंदर रामम डीबी, उपाध्यक्ष, रॉ मैटेरियल, टाटा स्टील लिमिटेड और जॉय गोपाल घोष, एसोसिएट प्रिंसिपल (भूविज्ञान और अन्वेषण), जियोवेल सर्विसेज भी शामिल थे. सम्मेलन के छह तकनीकी सत्रों में विविध क्षेत्रों को शामिल किया गया, जिनमें कोयला लक्षण-निर्धारण में उभरते रुझान, अन्वेषण तकनीक और संसाधन उपयोग के लिए टिकाऊ दृष्टिकोण शामिल हैं.
नवाचार पर जोर
सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने गणमान्य व्यक्तियों, प्रतिनिधियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया. उन्होंने पदार्थ विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, विशेष रूप से कोयला और खनिज लक्षण-निर्धारण तथा उनके सतत उपयोग के क्षेत्र में प्रयोगशाला के महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया. उन्होंने उद्योगों के साथ सहयोग, नवाचार को बढ़ावा देने तथा शिक्षा जगत में युवा मस्तिष्कों के नवीन विचारों और क्षमताओं को विकसित करने तथा राष्ट्र निर्माण में एनएमएल की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. आईसीएमसीएस-2025 की अध्यक्ष डॉ. संचिता चक्रवर्ती ने कोयला और खनिज लक्षण-निर्धारण और उनके सतत उपयोग में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान प्रयोगशालाओं और उद्योगों के बीच दीर्घकालिक सहयोग को बढ़ावा देने के महत्वपूर्ण महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने ऐसे सहयोगात्मक प्रयासों से प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला. विशेष रूप से उद्योगों और सीएसआईआर-एनएमएल जैसी प्रमुख राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के बीच तथा इस बात पर बल दिया कि किस प्रकार इन साझेदारियों ने नवाचार को बढ़ावा दिया है तथा संसाधन प्रबंधन में प्रमुख चुनौतियों का समाधान किया है.
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