उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह के शुभ अवसर पर राज्यपाल ने छात्राओं को संबोधित किया. उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में ‘फूलो-झानो छात्रावास’ और ‘दामोदर सीनेट हॉल’ का भी उद्घाटन किया. अपने उद्बोधन में उन्होंने शिक्षा के महत्व, महिला सशक्तिकरण और राष्ट्र-निर्माण में छात्राओं की भूमिका पर प्रकाश डाला.
छात्राओं को बधाई और प्रेरणादायी संदेश
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाली छात्राओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह केवल एक डिग्री नहीं, बल्कि उनकी मेहनत, ज्ञान और समर्पण का प्रमाण है. उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल प्रमाण-पत्र प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज के उत्थान में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना है.
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय: एक प्रेरणादायक यात्रा
उन्होंने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा पर चर्चा करते हुए कहा कि यह संस्थान महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कोल्हान क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय शिक्षा का केंद्र बनकर उभरा है, जहाँ से कई छात्राओं ने अपने ज्ञान और कौशल के बल पर विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल की है.
महान विभूतियों को श्रद्धांजलि
राज्यपाल ने भारत रत्न जे.आर.डी. टाटा को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 1962 में इस कॉलेज के लिए भवन और विशाल परिसर उपलब्ध कराया, जिससे महिला शिक्षा को नई दिशा मिली. उन्होंने वर्ष 2024 में दिवंगत हुए रतन टाटा जी को भी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने शिक्षा और समाज सेवा में अनुकरणीय योगदान दिया.
महिला शिक्षा और सरकारी प्रयास
राज्यपाल ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना ने महिला सशक्तिकरण को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है. यह योजना बालिकाओं को शिक्षा प्राप्त करने और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही है. उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपेक्षा की कि वह छात्राओं को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा और संस्कार प्रदान करने में सतत प्रयासरत रहे.
पेशेवर दुनिया में कदम रखने वाली बेटियों के लिए सुझाव
छात्राओं को प्रेरित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि वे अपने करियर के मार्ग का चयन सोच-समझकर करें. अनुशासन बनाए रखें और हर चुनौती को एक नए अवसर के रूप में स्वीकार करें. उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास, परिश्रम और संकल्प की शक्ति से कोई भी बाधा उन्हें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती.
महिलाओं की प्रगति से समाज का विकास
उन्होंने कहा कि आज महिलाएँ हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, प्रशासक और खिलाड़ी बनकर वे समाज की प्रगति में योगदान दे रही हैं. नेल्सन मंडेला के शब्दों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं.”
झारखंड की बेटियाँ बढ़ाएँगी देश का गौरव
राज्यपाल ने इस बात पर विशेष प्रसन्नता व्यक्त की कि विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में पदक प्राप्त करने वाली छात्राओं की संख्या अधिक होती है. उन्होंने कहा कि शिक्षित बेटियाँ केवल अपने परिवार का ही नहीं, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र का उत्थान करती हैं.
विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएँ
अपने संबोधन के अंत में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई दी और छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वे निर्भीकता से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें. उन्होंने ‘विकसित भारत@2047’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में छात्राओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका की अपेक्षा जताई.
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