कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- अडाणी के पक्ष में काम किया सरकार ने
उदित वाणी, जमशेदपुर : कांग्रेस ने उद्योगपति गौतम अडाणी के गोड्डा पावर प्लांट को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है. कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि भाजपा के पास अडाणी मामले में छिपाने के लिए कुछ नहीं है.
आज कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अडाणी समूह से जुड़े मामले को ‘मित्रवादी पूंजीवाद’ की मिसाल करार देते हुए कहा कि अगर इस मामले पर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो वह संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने से भाग क्यों रही है.
जयराम रमेश ने कांग्रेस की ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कुछ दिनों की तरह सोमवार को भी सरकार और प्रधानमंत्री से कुछ सवाल किए.उन्होंने पूछा, ‘‘क्या यह सच है कि आपने (प्रधानमंत्री मोदी) अपनी समकक्ष प्रधानमंत्री शेख हसीना पर उन शर्तों को स्वीकार करने के लिए दबाव डाला, जो अडाणी पावर के लिए अत्यंत अनुकूल और बांग्लादेश के लिए प्रतिकूल थीं और अडाणी के गोड्डा (झारखंड) बिजली संयंत्र से बांग्लादेश को आपूर्ति की जाने वाली बिजली की लागत उसके अपने संयंत्रों में बिजली की लागत से कहीं अधिक थी?’’
रमेश ने सवाल किया, ‘‘क्या पड़ोसी देशों की कीमत पर अपने मित्रों को और अमीर बनाना भारत की विदेश नीति के हितों को आगे बढ़ाता है?’’ उन्होंने झारखंड की इस परियोजना का उल्लेख करते हुए यह भी पूछा, ‘‘क्या यह सही है कि सरकारी ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार परियोजना के 25 साल के जीवनकाल में इन संशोधित शर्तों के कारण झारखंड राज्य को 7,410 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ेगा?’’
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘‘क्या राज्य के महालेखाकार के कार्यालय द्वारा 12 मई 2017 को लिखित रूप में ये कहा गया कि अडाणी के साथ यह समझौता ‘पक्षपातपूर्ण व्यवहार’ की परिधि में आता है और इससे अडाणी की कंपनी को ‘अनुचित लाभ’ मिलेगा?
राज्य सरकार की इस लंबे समय से चली आ रही नीति को बदलने के लिए झारखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को राजी करने में आपकी क्या भूमिका थी?’’ उन्होंने प्रधानमंत्री से यह सवाल भी किया, ‘‘नीतिगत बदलाव में प्रधानमंत्री कार्यालय की क्या भूमिका थी, जिससे अडाणी पावर को कोयले के आयात शुल्क के उन्मूलन से प्रति वर्ष 300 करोड़ रुपए का लाभ प्राप्त हुआ?’’
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