उदित वाणी, जमशेदपुर: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 25 मई को पहली बार जमशेदपुर आ रहे हैं. वे सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्लेटिनम जुबिली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे. यह कार्यक्रम लोयोला स्कूल, फेसी ऑडिटोरियम में सुबह 11.45 बजे से आयोजित होगा.
राजस्थान के कोटा से संसद तक का सफर
ओम बिरला राजस्थान के कोटा में जन्मे और वहीं से राजनीति की शुरुआत करने वाले नेता हैं. वे दो बार विधायक, तीन बार सांसद, और वसुंधरा राजे सरकार में संसदीय सचिव रह चुके हैं. वे अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रहे हैं. वर्ष 2024 के आम चुनावों के बाद वे लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं.
जीवन परिचय और शिक्षा
ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को राजस्थान के कोटा में हुआ. उनके पिता श्रीकृष्ण बिरला और माता शकुंतला देवी (अब दिवंगत) थीं. उनकी पत्नी डॉ. अमिता बिरला हैं और उनकी दो बेटियाँ हैं. उन्होंने एम. कॉम. की पढ़ाई राजकीय कॉमर्स कॉलेज, कोटा और एमडीएस विश्वविद्यालय, अजमेर से की.
सामाजिक कार्यों में गहरी भागीदारी
ओम बिरला ने समाज सेवा को राजनीति का आधार बनाया. उन्होंने कैंसर, थैलेसीमिया और दिव्यांगजन की मदद हेतु कई संगठनों के साथ कार्य किया. कोटा में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘ग्रीन कोटा वन अभियान’ चलाकर लगभग एक लाख पेड़ लगाए. नेहरू युवा केंद्र के माध्यम से उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और सांस्कृतिक आयोजनों की योजना तैयार की और 15,000 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों को सम्मानित किया. 2004 में कोटा में आई बाढ़ के दौरान उन्होंने राहत शिविरों और चिकित्सा सुविधाओं का नेतृत्व किया.
छात्र जीवन से लेकर लोकसभा अध्यक्ष बनने तक
बिरला के राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1978 में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गुमानपुरा, कोटा से छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में हुई. इसके बाद वे भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा के जिलाध्यक्ष, फिर राजस्थान भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष और बाद में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने. वे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ, नई दिल्ली के उपाध्यक्ष भी रहे. 2003, 2008 और 2013 में वे कोटा से विधायक चुने गए. वर्ष 2014 में पहली बार सांसद बने और 2019 तथा 2024 में पुनः निर्वाचित हुए. वे याचिका समिति, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे.
संघ से जुड़ाव और राम मंदिर आंदोलन में भागीदारी
ओम बिरला का जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से रहा है. उन्होंने राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय भागीदारी की और जेल गए. यह उनके विचार और आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।