बेल्डीह चर्च स्कूल से शुरू किया था अध्यापन
उदित वाणी, जमशेदपुर: राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2022 में झारखंड की एकमात्र शिक्षिका शिप्रा मिश्रा को 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पुरस्कृत करेंगी. शिप्रा मिश्रा पूर्वी सिंहभूम जिले के जमशेदपुर स्थित टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू हाई स्कूल कदमा की विज्ञान की शिक्षिका है. उन्हें यह पुरस्कार मिलने की घोषणा मात्र से पूरे स्कूल में खुशी की लहर है इसके साथ ही जमशेदपुर के लोग भी शिप्रा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिला गर्व कर रहे हैं. कि इनके साथ ही देश भर में कुल 46 शिक्षकों का कल सम्मान किया जाएगा.
राज्य सरकार ने भेजे थे शिप्रा समेत तीन के नाम
राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए राज्य सरकार की ओर से झारखंड के 3 शिक्षकों का नाम भेजा गया था जिसमें सिर्फ शिप्रा मिश्रा का चयन हुआ।.यह लगातार दूसरा साल है, जब जमशेदपुर के सरकारी स्कूल से इस पुरस्कार के लिए किसी शिक्षक का चयन हुआ है पिछले वर्ष हिंदुस्तान मित्र मंडल मध्य विद्यालय के शिक्षक मनोज सिंह को यह पुरस्कार मिला था. शिप्रा मिश्रा मूल रूप से बिहार के पूर्णिया की रहने वाली है. कदमा टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू हाई स्कूल की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा का राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित होने की मुख्य वजह शिक्षण व स्वच्छता के क्षेत्र में उनका इनोवेशन है. उनके कई विद्यार्थियों ने भी विज्ञान प्रदर्शनी में पुरस्कार जीता है. छात्रा नेहा सरदार द्वारा बनाए गए स्मार्ट विलेज के मॉडल को विज्ञान प्रदर्शनी में राज्य स्तरीय पुरस्कार मिला था. हाल ही में आईएसएम धनबाद में सरकारी स्कूलों की श्रेणी में टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू हाई स्कूल कदमा के छात्रों द्वारा बनाए गए ऑटोमेटिक क्लीन टॉयलेट के प्रोजेक्ट को ओवरऑल श्रेणी के पुरस्कार के लिए चयनित किया गया था. इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता पुरस्कार के लिए इस स्कूल का चयन हो चुका है. शिप्रा मिश्रा ने जमशेदपुर के बिस्टुपुर के बेल्डीह चर्च स्कूल से अपना शिक्षण कार्य शुरु किया था. वर्ष 2009 में विज्ञान की शिक्षिका के रूप में योगदान दिया था. उन्होंने फिर जेपीएससी द्वारा शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में सफलता पाई. जमशेदपुर हाईस्कूल बिष्टुपुर में विज्ञान शिक्षिका के रूप में वर्ष 2010 में पढ़ाना शुरू किया. 2016 में शिप्रा मिश्रा का टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा में स्थानांतरण किया गया.
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