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उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) और झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी ) की आगामी परीक्षा को लेकर ट्वीटर पर कैंपेन चलाया जा रहा है.
झारखंडी बेरोजगार युवा उम्र सीमा में 5 वर्ष की छूट के लिए ट्विटर पर अभियान छेड़े हुए हैं. अभियान को मुखर करने और एक जन आंदोलन बनाने के लिए अब अलग-अलग परीक्षाओं की तैयारी कर युवाओं से भी इसे सफल बनाने की अपील की गई है. राज्य के युवाओं से #5yearAgeRelacationJsscExam को ट्वीट और रीट्वीट करने की अपील की गई है.
इस डिजिटल आंदोलन में सभी शिक्षण संस्थान के शिक्षकों ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है. डिजिटल क्रांति में सहयोग देने के लिए कुणाल प्रताप सिंह,राजेश ओझा,जोहार फाइनल फाइटर, स्टडी विद स्मृति, पतंजलि आईएएस, विनय आईएएस एकेडमी, उड़ान आईएएस एकेडमी, एग्जाम हेल्पर,एग्जाम फाइटर, दुबे आईएएस एकेडमी, झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन, झारखंड यूथ एसोसिएशन के अलावा छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो, गुलाम हुसैन, मनोज यादव, अपने-अपने ट्विटर हैंडल से इसे सपोर्ट कर रहे हैं. यह जानकारी झारखंड यूथ एसोसिएशन के संयोजक राजेश ओझा ने दी है.
बताते चलें कि झारखंड में हेमंत सरकार बनने से दो वर्ष पहले 2018 से ही जेपीएससी व जेएसएससी द्वारा कोई नियुक्ति नहीं हो पाई है. अगर एक दो परीक्षा हुई भी तो किसी कारणवश रद्द हो गई या लटकी हुई है. इस कारण लगभग 5 लाख रिक्त पद पड़े हुए हैं. कर्मचारियों के अभाव में सरकारी कार्य ठप पड़ा हुआ है और विकास बाधित है.
पिछले पांच वर्षों से परीक्षा नहीं होने की वजह से झारखंड के युवाओं की उम्र और नौकरी की उम्मीद खत्म हो गई है. हेमंत सरकार के नियुक्ति वर्ष 2021 के बाद 2022 भी खत्म होने को है. लेकिन सरकार तीन साल में एक ठोस स्थानीय-नियोजन नीति नहीं बना सकी, जो भी नियमावली बनी वह अदालत में विचाराधीन है.
आंदोलन पर उतारू युवाओं का कहना है कि खतियान आंदोलन के बाद आनन-फानन में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति का प्रारुप सरकार कैबिनेट में लायी. मगर उसमें भी नौवीं अनुसूची का पेंच फंसा हुआ है. बता दें कि इससे पहले भी झारखंडी युवा मांगे रोजगार के स्लोगन से पिछले वर्ष ट्विटर पर कैंपेन चलाया गया था, जो सफल हुआ था.
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