उदित वाणी, जमशेदपुर: श्री शिव मंदिर गोलमुरी में आयोजित सप्ताह व्यापी श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन वृंदावन से पधारे पंडित परमानन्द जी महाराज ने व्यास पीठ से भक्तो को ईश्वर के 24 अवतारों की संक्षिप्त चर्चा की.
उन्होंने कहा कि जलप्रलय के बाद प्रभु के पहले अवतार में सनकादिक ऋषियों का नाम आता है. फिर वाराह रूप में पाताल से पृथ्वी को लाकर स्थापित किया, नारदजी बनकर पंचतत्व की रचना की. नारायण रूप में तपस्या का मार्ग प्रशस्त किया.
उन्होंने ईश्वर के कपिल मुनि, दतात्रेय, यज्ञ, ऋषभ देव, प्रुथु, मतस्य, कच्छप, धन्वंतरि, मोहिनी, अवतारों का वर्णन कर गागर में सागर रूपी ज्ञान रस का भक्तों को पान कराया. उन्होंने कहा कि भागवत ईश्वर का वाड:मय स्वरूप है, ध्यान और तपस्या का फल भागवत श्रवण से प्राप्त होता है.
कथा के यजमान महेंद्र अग्रवाल पत्नी सुषमा अग्रवाल के साथ भक्तों ने भी भजनों का खूब आनन्द लिया. कथा को सफल बनाने में मंदिर समिति के साथ नारी जागरण समिति का सक्रिय सहयोग रहा. आरती और प्रसाद वितरण के साथ कथा का समापन हुआ.
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