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उदित वाणी, जमशेदपुर: ठंड के मौसम में बड़ी संख्या में लोग हड्डियों व जोड़ों के दर्द की समस्या से ग्रस्त होते हैं। तापमान में कमी के कारण नसें सिकुड़ने लगती हैं और विटामिन-डी की कमी के कारण हड्डियों और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। हड्डियों में लचीलेपन की कमी हो जाती है। इस कारण जोड़ों में अकड़न आ जाती है। इसलिए सर्दियों में लोगों को अपने जोड़ों व हड्डियों का खास ख्याल रखना चाहिए।
सर्दियों के आते ही आपने भी अपने फैमिली मेंबर को अक्सर जोड़ों के दर्द की शिकायत करते सुना होगा। इसकी समस्या अभी तक ज्यादातर बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब यह युवाओं में भी आम हो चुकी है। जमशेदपुर के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ पियूष जैन कहते हैं कि जोड़ों का दर्द ज्यादा भी हो सकता है और कम भी। इसके कई वजहें हो सकती हैं। जैसे-पहले लगी कोई चोट, गाठिया की शिकायत या मोटापे जैसी दूसरी बीमारियां। जोड़ों के दर्द को हम अर्थाल्जिया भी कहते हैं। इनका इलाज भी अब आसान है। सावधानी बरतनी चाहिए। कहा कि ठंड में कोशिश होनी चाहिए कि ऐसे मरीज ज्यादा ठंड में एक्सपोज न हों। गर्म कपड़े पहनें और गर्माहट सेंकते रहें। इसके साथ ही लगातार योग या अन्य क्रियाकलापों से जोड़ों को एक्टिव बनाए रखें। इससे समस्या कम होगी।
वहीं डाइटिशियन मोती कुमारी कहती हैं कि जोड़ों में दर्द और गाठिया दो अलग-अलग समस्याएं हैं। इनके कई लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, लेकिन एक अंतर दोनों में रहता है कि जोड़ों के दर्द में सूजन नहीं होती है और जो दर्द सूजन के साथ होता है, वह गाठिया की निशानी है।
पहले से लगी चोट बन सकती है बड़ी वजह
एक्सपर्ट की मानें तो जोड़ों के दर्द की मुख्य वजह पहले किसी तरह की समस्या या फ्रैक्चर हो सकते हैं। इसमें शरीर के कई हिस्सों के जोड़ में दर्द रहता है। इसके होने की कई वजह हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि हम चाहें तो घर पर रहकर और डॉक्टर की सलाह से जोड़ों के दर्द का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए हमें अपनी लाइफस्टाइल मेंटेन करनी पड़ेगी। बताते चलें कि ज्यादा चलने, ज्यादा देर खड़े होने पर, दौड़ने से भी घुटनों के जोड़ों में दर्द महसूस होता है। चलते-चलते बीच में घुटना जकड़ जाता है। बैठने में परेशानी होती है। चौकड़ी मार कर बैठने में अकड़न आ जाती है। जोड़ों में दर्द के प्रमुख कारण हैं- गाउट, चोट, आस्टियोआर्थराइटिस, आस्टीयोमाइलाइटिस, गठिया, टेंडनाइटीस आदि। वजन बढ़ने से भी जोड़ों का दर्द होता है। जोड़ों में दर्द रोजाना या काफी समय के बाद भी हो सकता है। इसमें खुजली, जलन, दर्द, सुन्न होना, गर्माहट जोड़ों में महसूस होना या जोड़ों में कठोरता नजर आती है।
खाने में इन बातों का रखें ध्यान
दवा और डॉक्टर की सलाह से तो जोड़ों के दर्द पर काबू पाया जा सकता है, लेकिन इस दौरान हमें एक बेहतर डाइट अपनानी चाहिए, जो फायदेमंद साबित हो। इस तरह हमें क्या खाना है, क्या नहीं खाना? इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अंडों में प्रोटीन के साथ-साथ विटामिन डी की भी अच्छी मात्रा पायी जाती है. इस विटामिन को कैल्शियम सोखने के लिए भी जरूरी माना जाता है. इसके साथ ही हड्डियों की सेहत के लिए भी विटामिन डी का सेवन जरूरी है. अंडे डाइट में शामिन करने बेहद आसान हैं और आप इन्हें रोजाना नाश्ते में खा सकते हैं.
जोड़ों के दर्द में क्या खाना है, इसका विशेष ध्यान रखें
जोड़ो के दर्द में हमें कुछ चुनिंदा फल-सब्जी का सेवन करना चाहिए। इससे इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है। साथ खाने में गोंद का सेवन भी करना चाहिए और मेथी का पाउडर भी पानी में घोलकर पीना चाहिए। जोड़ों के दर्द में सूखे मेवे खाना भी एक अच्छा ऑप्शन है. सूखे मेवों में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन और अन्य पोषक तत्व भी पाए जाते हैं. आप अपनी डाइट में बादाम, काजू और अखरोट आदि शामिल कर सकते हैं. पालक और केल जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन सी, ए और विटामिन के से भरपूर होती हैं. इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से सुरक्षित रखते हैं. आप इन सब्जियों को जोड़ों के दर्द में खा सकते हैं.
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