उदित वाणी, जमशेदपुर: बर्मामाइंस थाना क्षेत्र के सिदो कान्हू बस्ती के समीप शनिवार को एक दर्दनाक हादसे ने इलाके को दहला दिया। टाटा कंपनी के एक पुराने और जर्जर क्वार्टर से ईंट निकालते समय छज्जा गिरने से मजदूर मोहम्मद मुन्ना (38) की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी शाजिया परवीन गंभीर रूप से घायल हो गईं। घायल महिला का इलाज एमजीएम अस्पताल में जारी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मोहम्मद मुन्ना, उनकी पत्नी शाजिया परवीन सहित आफताब, बबन और लड्डुन नामक मजदूर टाटा कंपनी के इस पुराने क्वार्टर से ईंटें निकाल रहे थे। बताया जा रहा है कि ये सभी मजदूर पोपट नामक ठेकेदार के निर्देश पर प्रतिदिन 500 रुपये की मजदूरी पर काम कर रहे थे। रोज की तरह शनिवार को भी काम चल रहा था कि अचानक ऊपर से छज्जा भरभराकर गिर पड़ा। हादसे में छज्जे के नीचे काम कर रहे सभी मजदूर दब गए।
घटना के बाद स्थानीय लोगों और अन्य मजदूरों ने तत्परता दिखाते हुए मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला और आनन-फानन में सभी को एमजीएम अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने मोहम्मद मुन्ना को मृत घोषित कर दिया, जबकि शाजिया परवीन की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हादसे की सूचना मिलते ही बर्मामाइंस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मजदूरों से खस्ताहाल भवन से ईंटें निकलवाई जा रही थीं, जहां किसी तरह के सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे।
घटना के बाद से ठेकेदार पोपट की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पोपट मजदूरों से जानलेवा परिस्थितियों में काम करवाता है, बिना सुरक्षा उपकरणों के। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस कार्य के लिए टाटा कंपनी या नगर निगम से कोई अनुमति ली गई थी या नहीं।
हादसे के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। आक्रोशित लोगों ने प्रशासन से दोषी ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई, मृतक के परिवार को मुआवजा और घायल महिला के समुचित इलाज की मांग की है। साथ ही, लोगों ने प्रशासन से जर्जर भवनों की पहचान कर उन्हें गिराने या संरक्षित करने की मांग भी उठाई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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