उदित वाणी, जमशेदपुर: झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा स्कूल रूआर–2025 (Back to School Campaign) का शुभारंभ जमशेदपुर के सिदगोड़ा टाउन हॉल से हुआ. मंत्री रामदास सोरेन ने दीप प्रज्वलन कर इस जिला स्तरीय कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की. इस अवसर पर जमशेदपुर पूर्व की विधायक पूर्णिमा साहू, जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल, जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, उपाध्यक्ष पंकज समेत कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.
उद्देश्य: हर बच्चा स्कूल पहुंचे, पढ़ाई में बना रहे
इस अभियान का लक्ष्य 5 से 18 वर्ष की आयु वर्ग के सभी बच्चों का शत-प्रतिशत नामांकन सुनिश्चित करना, नियमित उपस्थिति बनाए रखना, ड्रॉपआउट दर में कमी लाना तथा बच्चों को उच्च कक्षाओं में निर्बाध रूप से ट्रांज़िशन कराना है.यह कार्यक्रम 10 मई 2025 तक चलेगा, जिसमें विभिन्न स्तरों पर सक्रिय भागीदारी के माध्यम से शिक्षा को जन-आंदोलन बनाने का प्रयास किया जाएगा.
गणतंत्र दिवस विजेता छात्राओं को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान पटमदा की केजीबीवी छात्राओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने गणतंत्र दिवस 2025 की बैंड प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया था.साथ ही, इस वर्ष नवोदय विद्यालय में चयनित विद्यार्थियों तथा ग्राम शिक्षा समिति के सक्रिय सदस्यों को भी मंच से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया.
शिक्षा से ही समाज में बदलाव संभव: रामदास सोरेन
मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि सरकार की मंशा है कि राज्य का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. ड्रॉपआउट बच्चों को पुनः विद्यालय से जोड़ने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं.उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज में समावेशी और टिकाऊ विकास संभव है. राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने की दिशा में यह अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है.
“शिक्षा का अधिकार हर बच्चे का है”: पूर्णिमा साहू
विधायक पूर्णिमा साहू ने इस अभियान को नैतिक जिम्मेदारी से जोड़ते हुए कहा कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने में भूमिका निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि स्कूल रूआर कार्यक्रम से न सिर्फ नामांकन बढ़ेगा बल्कि बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से भी मजबूती से जोड़ा जा सकेगा.
“गुणवत्ता तभी आएगी जब सहभागिता होगी”: अनन्य मित्तल
जिला दण्डाधिकारी अनन्य मित्तल ने कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से परिवर्तन संभव नहीं है. सामूहिक सहभागिता से ही हर बच्चा स्कूल पहुंचेगा और शिक्षित समाज का निर्माण होगा.उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि, शिक्षक और अभिभावक यदि ईमानदारी से प्रयास करें तो जिले में शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव लक्ष्य से दूर नहीं है.
शिक्षा ही भविष्य निर्माण की कुंजी: बारी मुर्मू
जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने कहा कि अभिभावकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने अपील की कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को शिक्षित करें ताकि वे अपने और समाज के भविष्य को उज्जवल बना सकें.
‘स्कूल रूआर – 2025’ अभियान की प्रमुख बातें
नामांकन पर बल: 5 से 18 वर्ष के सभी बच्चों का सरकारी विद्यालयों में पंजीकरण सुनिश्चित करना
ठहराव और उपस्थिति: बच्चों की नियमित उपस्थिति और सतत शिक्षा पर ज़ोर
ड्रॉपआउट दर में कमी: बच्चों के स्कूल छोड़ने के कारणों की पहचान कर समाधान
जागरूकता और प्रचार: रैलियों, नुक्कड़ नाटकों, घर-घर संपर्क के ज़रिए शिक्षा के प्रति जागरूकता
गैर-नामांकित बच्चों की पहचान: सर्वेक्षण द्वारा चिन्हित कर विद्यालय में नामांकन
कक्षा परिवर्तन की निरंतरता: सभी छात्रों का अगले स्तर में सहज ट्रांज़िशन सुनिश्चित करना
सहयोग और समन्वय: अभिभावकों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और एनजीओ की सहभागिता
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